गर्मी में पशुओं का दूध एक बूंद कम नहीं होगा, जानिए दुधारू पशु को कितने बजे चारा देना है और पानी के साथ कौन-सी देसी चीज देने से स्वस्थ रहेंगे

पशुपालक चाहते हैं कि गर्मियों में भी दुधारू पशु दूध अधिक दें, दूध की मात्रा बिल्कुल कम ना हो तो चलिए इस लेख में चारा देने का समय और पानी पिलाने का तरीका जाने-

गर्मी में पशुओं का दूध कम होना

खेती के साथ-साथ कई किसान पशुपालन भी करते हैं। दुधारू पशुओं का पालन करके अपनी आमदनी में वृद्धि करते हैं। पशुओं के पालन से खेती में भी मदद हो जाती है। गोबर और गोमूत्र से खाद, कीटनाशक बनाया जाता है, और दूध, दही, घी, आदि की बिक्री करके भी कमाई हो जाती है। लेकिन गर्मी में पशुओं की देखभाल अलग से करनी पड़ती है। क्योंकि गर्मी में लू के कारण दूध का उत्पादन कम होने लगता है। पशुपालको को नुकसान हो सकता है। चलिए आपको बताते हैं पशुओं को चारा पानी किस समय पर दें। जिससे वह स्वस्थ रहे और लू से कैसे बचाएं।

गर्मी में पशुओं को लू से बचाएं

भयंकर गर्मी सिर्फ मनुष्य को ही प्रभावित नहीं करती बल्कि पशुओं पर भी असर डालती है। इससे दुधारू पशुओं का दूध कम होता है, और अन्य पशु भी बीमार पड़ जाते हैं। लेकिन इसके लिए आपको उन्हें लू से बचाना है। गर्म हवाओं से बचाना है। दोपहर में पशुओं को चराने बिल्कुल ना ले जाए। शाम के समय ले जाना चाहिए और दिन के समय उन्हें किसी छांव वाली जगह पर रखें। ताकि उन्हें धूप और गर्म हवा ना लगे। अगर बहुत ज्यादा तापमान आपके पशुशाला का है तो फोगर किट का इस्तेमाल करें। इसके आलावा पशुशाला के ऊपर पुआल डाल सकते है जिससे वह गर्म नहीं हो।

अगर पशु सुस्त, बीमार दिखाई देता है और चारा-पानी नहीं खाता-पीता है तो उसे पशु चिकित्सक को दिखाइए। जो पशुपालक विदेशी नस्ल की गायों का पालन करते हैं तो उन्हें अधिक सतर्क रहने की जरूरत होती है। गर्मी में पशुओं का रहने का इंतजाम ठंडी जगह पर करें।

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चारा-पानी देने का समय और तरीका

पशुओं के चारा पानी के समय का भी ध्यान रखना चाहिए। गर्मी में उन्हें पानी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। दिन में तीन-चार बार बढ़िया पानी उन्हें पिलाना चाहिए। जिससे पशु हाइड्रेट रहते हैं। पानी देने के तरीके में बदलाव करना चाहिए। दिन में करीब दो बार उन्हें गुड़ मिलाकर पानी देना चाहिए। इलेक्ट्रॉल पाउडर भी दे सकते हैं। इससे भी गर्मी में उन्हें राहत मिलेगी।

पानी के साथ-साथ चारे का भी ध्यान देना चाहिए। हरा चारा आप पशुओं की सेहत के लिए फायदेमंद होता है, दूध की मात्रा को और कम होने से बचाता है। गर्मियों में अगर हरे चारे की समस्या आ रही है तो सुबह 9:00 बजे एक बार दे और शाम को 5:00 बजे एक बार हरा चारा उन्हें खिलाएं। हरा चारा सीमित मात्रा में देने से पशुओं के स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं और दूध गिरने से भी बचा सकते हैं।

गर्मी में पशुओं को हरे चारे की समस्या ना आए इसके लिए मार्च-अप्रैल में ही ज्वार, बरबटी, मक्का, लोबिया जैसी फसले लगानी चाहिए। लोबिया एक दलहनी चारा फसल है। जिसमें पौष्टिक आहार होता है, और दूध बढ़ाने में भी मदद करता है।

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