प्याज की कीमत में भारी गिरावट आ रही है, जिससे किसानों को उनकी लागत भी नहीं मिल पा रही है। कहीं प्याज ₹1 प्रति किलो तो कहीं ₹11 प्रति किलो बिक रहा है।
प्याज किसानों के सपने टूट रहे हैं
पूरे साल प्याज की मांग रहती है, इसीलिए बड़े पैमाने पर प्याज की खेती की जाती है और इससे अच्छी कमाई होती है। लेकिन इस समय प्याज की कीमत में भारी गिरावट आई है, जिससे किसानों के सपने टूट रहे हैं। देश के कई राज्यों में इस साल कीमत पिछले साल से कम है। पिछले साल जब प्याज किसानों को अच्छे दाम मिले थे, तो इस साल किसानों ने और सपने देखे थे, लेकिन कीमत और गिर गई।

बताया जा रहा है कि एक महीने में कीमत में 16 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल से हिसाब लगाया जाए तो इस साल कीमत 29 फीसदी कम है। दिल्ली एनसीआर में इस समय प्याज का भाव 1093 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन पिछले साल यह 1682 रुपये प्रति क्विंटल था. इस तरह आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पिछले साल के मुकाबले इस साल कितना ज्यादा नुकसान हुआ है।
₹1 किलो जा रही प्याज
प्याज उगाने वाले महाराष्ट्र के आसपास के किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. महाराष्ट्र के थोक बाजार में प्याज के भाव ₹1 से ₹11 प्रति किलो है, जिससे किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं, मेहनत तो दूर की बात है, प्याज के खुदरा व्यापारी ₹25 से ₹40 प्रति किलो दे रहे हैं. ऐसे में लोगों के पसीने छूट रहे हैं. किसानों के लिए खेत से प्याज को मंडी तक ले जाना महंगा पड़ रहा है।
देश की सबसे बड़ी मंडी में प्याज का भाव
किसानों को लगता है कि बड़ी मंडियों में उन्हें अच्छे दाम मिलेंगे, लेकिन वहां भी दाम गिर रहे हैं. एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी में पिछले साल प्याज की कीमत 500 से 1400 रुपए प्रति क्विंटल बताई जा रही है, जबकि औसत कीमत ₹1100 प्रति क्विंटल दर्ज की गई है। सोलापुर मंडी में प्याज की कीमत ₹1 प्रति किलो है। इस तरह आप देख सकते हैं कि प्याज किसानों को कितना नुकसान हो रहा है।
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