इस लेख में सालाना 10 लाख कमाने वाली लखपति दीदी की सफलता के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जो कि हाल ही में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिली-
लखपति दीदी
ग्रामीण महिला अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं, अपना खर्चा उठा रही हैं, अपने परिवार को आर्थिक रूप से समृद्ध बना रही हैं। लखपति दीदी स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं। इस समूह का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, जिसमें आज हम असम की लखपति दीदी के बारे में बात कर रहे हैं।
आपको बता दें कि केंद्रीय किसान कल्याण, कृषि मंत्री शिवराज सिंह शनिवार को पूर्वोत्तर के दौरे पर थे, जिसमें उनके दौरे का आखिरी दिन था और वे असम के जिले में गए, वहां उन्होंने स्वयं सहायता समूह की लखपति दीदी से मुलाकात की और उनसे बातचीत की, उनके अनुभव जाने, उन्होंने सुना कि कैसे यह महिला सफल हुई और अब हर साल 10 लाख कमा रही है

लखपति दीदी कई व्यवसायों से कमाई कर रही हैं
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा के साथ-साथ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार जताया. कृषि मंत्री का मतलब था कि पीएम और सीएम की वजह से आज महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं. गरीब परिवारों की बहनें स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर और अलग-अलग तरह के व्यवसाय करके अच्छी कमाई कर रही हैं. महिलाओं के साथ-साथ उनके परिवारों का जीवन स्तर भी सुधर रहा है।
33 लाख और महिलाएं बनेंगी लखपति दीदी
असम में करीब 850000 बहनें हैं जो लखपति दीदी बन चुकी हैं. इसके अलावा 33 लाख बहनें ऐसी हैं जो स्वयं सहायता समूहों के काम से जुड़ी हैं। शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि उन्हें भी उचित प्रशिक्षण और बैंक लिंकेज के माध्यम से लखपति दीदी बनाया जाएगा, यानी राज्य में लखपति बहनों की संख्या लगातार बढ़ती रहेगी।
इस समय राज्य में कई बहनें हैं जो हर साल 10 लाख से अधिक कमा रही हैं। यहां किसानों को भी फायदा हो रहा है क्योंकि हल्दी, मिर्च, अदरक आदि स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग हो रही है। किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं। इस तरह से आप असम के काम को देख सकते हैं। लखपति दीदी देशभर की ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।