कुबेर का खजाना है ये फसल की खेती, 2 महीने में बना देगी मालामाल खाद पानी का खर्चा भी बच जाएगा, जाने नाम और काम।
कुबेर का खजाना है ये फसल की खेती
आज हम आपको एक ऐसी फसल की खेती के बारे में बता रहे है जो किसानों के लिए बहुत फायदे की साबित होती है इस फसल की खेती में खाद पानी की भी ज्यादा जरूरत नहीं होती है इसकी फसल बेहद कम खर्चे में तैयार हो जाती है। इसके फूलों की सब्ज़ी बनती है और बाज़ार में इसकी अच्छी मांग होती है। इसकी खेती में रोग-कीट की समस्या कम होती है। इसका इस्तेमाल हरी खाद बनाने में किया जाता है ये तेज़ी से बढ़ने वाली फलीदार फ़सल है. मिट्टी में मिलाने पर ये मिट्टी में नमी बनाए रखती है और खारेपन और खनिजों के नुकसान को रोकती है। इसलिए इसकी डिमांड बाजार में बहुत होती है। हम बात कर रहे है सनई की खेती की तो चलिए इसकी खेती के बारे में जानते है।
सनई की खेती
सनई की खेती बहुत ज्यादा लाभकारी होती है सनई की खेती के लिए गर्म और नम जलवायु अच्छी होती है सनई की खेती के लिए खेत की पहले गहरी जुताई करनी चाहिए। सनई की खेती के लिए बलुई दोमट या दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। सनई के पौधे बीज के माध्यम से लगाए जा सकते है। सनई की खेती के लिए गोबर की खाद का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। बुवाई के बाद इसकी फसल करीब 2 महीने कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
कितनी होगी कमाई
सनई की खेती से बहुत ज्यादा जबरदस्त कमाई होती है। सनई के तने को पानी में सड़ाने के बाद ऊपर लगे रेशे से रस्सी बनाई जाती है इससे बनी रस्सी बहुत टिकाऊ और मजबूत होती है। इसलिए इसकी डिमांड बाजार बाजार में बहुत अधिक मात्रा में होती है एक एकड़ जमीन में सनई की खेती करने से करीब 70 से 80 हजार रूपए की कमाई हो सकती है। सनई की खेती बहुत फायदेमंद साबित होती है।