गेहूं की खेती में बंपर उत्पादन लेने के लिए यूरिया के साथ इस खाद का उपयोग बहुत ज्यादा मात्रा में लाभकारी और असरदार साबित होता है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है कौन सी खाद है।
गेहूं की फसल में बॉर्नविटा का काम करेगी ये खाद
गेहूं की खेती बहुत ज्यादा लाभकारी होती है। किसान गेहूं की फसल में बंपर उत्पादन के लिए खूब कड़ी मेहनत करते है। गेहूं की बुवाई के बाद 25 से 30 दिनों तक समय बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है इन दिनों किसान सबसे पहले समय पर सिंचाई करें और फिर पौधों को जरुरी पोषक तत्व देने के लिए उर्वरक का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से गेहूं की फसल में कल्ले तेजी के साथ आएंगे। आज हम आपको एक ऐसी खाद के बारे में बता रहे है जो मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व को बढ़ती है और गेहूं की फ़सल के उत्पादन को तेज़ी से बढ़ती है। तो चलिए जानते है कौन सी खाद है।
यूरिया के साथ मिलाएं ये जैविक खाद
हम आपको गेहूं की फसल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बायोवीटा के बारे में बता रहे है। गेहूं की खेती में बायोवीटा का उपयोग बहुत ज्यादा लाभकारी साबित होता है क्योकि बायोवीटा में सल्फ़र, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज़, कैल्शियम, कोबाल्ट, नाइट्रोजन, पोटैशियम और ज़िंक जैसे पोषक तत्व होते है जो कल्ले की संख्या को तेजी से बढ़ाने में फायदेमंद होते है। गेहूं की फ़सल में बायोवीटा का उपयोग करने से मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व एक्टिव हो जाते है और फसल में कीड़े रोग लगने की संभावना भी बहुत कम हो जाती है। बायोवीटा का उपयोग गेहूं की खेती में जरूर करना चाहिए।
कैसे करें उपयोग
गेहूं की खेती में बायोवीटा का उपयोग बहुत ज्यादा लाभकारी और उपयोगी साबित होता है इसका उपयोग एक एकड़ गेहूं की फ़सल में करने के लिए 50 किलोग्राम यूरिया के साथ 5 किलोग्राम बायोवीटा को मिलाना है और गेहूं की फसल में छिड़काव करना है गेहूं की फ़सल में पैदावार बढ़ाने के लिए नाइट्रोजन और पोटैशियम सबसे ज़्यादा ज़रूरी पोषक तत्व होते है। इस खाद का उपयोग करने से पैदावार कई गुना बढ़ जाती है।