मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर है। अब उन्हें अनाज बिक्री किए बगैर भी सरकार बोनस देगी, तो चलिए आपको बताते हैं प्रति हेक्टेयर कितना सरकार बोनस दे रही है।
मोटे अनाज की खेती करने वाले किसान
मोटे अनाज की खेती करने के लिए सरकार लगातार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। जिसमें सरकार ने यह भी वादा किया था कि किसानों से मोटे अनाज खरीदे जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया तो अब उन किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार उन्हें बोनस देगी। जबकि अनाज की खरीदी नहीं हो रही है फिर भी यानी के बिना अनाज बिक्री के किसान यह बोनस प्राप्त कर सकते हैं तो चलिए आपको बताते हैं कि मोठे अनाज में कौन से अनाज आ रहे हैं, और किन किसानों को यह लाभ कितना मिलेगा।
3900रु का बोनस
मोटे अनाज जिन्हें मिलेट्स भी कहा जाता है। इनमें कोदो-कुटकी जैसे अनाज आते हैं जो सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होते हैं। उनकी खेती के लिए सरकार ने किसानों को प्रोत्साहित किया था और पौधों के ₹20 और कुटकी के ₹30 किलो के हिसाब से देने का ऐलान भी हुआ था। लेकिन फेडरेशन गठन में देरी होने के कारण सरकार खरीदी नहीं कर पाए। क्योंकि परिवहन और भंडारण की व्यवस्था नहीं हो पाई थी। इसीलिए सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अब उनके स्थान को नुकसान नहीं होने देंगे और 3900 एक हेक्टेयर के अनुसार उन्हें बोनस दिया जाएगा। चलिए आपको बताते हैं यह किस योजना के अंतर्गत किसानों को लाभ मिलेगा।
रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना
रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना, मध्य प्रदेश की एक लाभकारी योजना है। जिसके अंतर्गत मुख्यमंत्री मोहन यादव के अध्यक्षता में यह फैसला लिया गया था कि मोटे अनाज की खरीदी की जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं होने के कारण किसानों को अब बोनस देने का ऐलान किया गया है। आपको बता दे की प्रदेश में 100000 हेक्टेयर से अधिक रकबे में कोदो कुटकी जैसे मोटे अनाज की खेती हुई है। जिसमें उत्पादन के बाद करें तो एक हेक्टेयर में किसानों को 900 किलो तक पैदावार मिलती है। जिसका 40% सरकार खरीदेगी है। लेकिन इस बार खरीदी नहीं हो पाई जिसके कारण उन्हें एक हेक्टेयर का 3900 बोनस मिलेगा।