गेहूं की कटाई के बाद किसान को फसल अवशेष को जलाने की जरूरत नहीं है, इस कृषि यंत्र की मदद से बिना जुताई किए सीधे बुवाई कर सकते हैं, और खेत की मिट्टी को उपजाऊ बना सकते हैं-
पराली जलाने की समस्या
गेहूं कटाई के बाद किसान खेत में पड़े फसल अवशेष पराली आदि किसान जला रहे हैं। जिससे खेत की मिट्टी खराब हो रही है। किसान के मित्र कीट भी खत्म हो जा रहे हैं। इसीलिए कृषि विभाग सरकार लगातार किसानों से अनुरोध कर रही है कि वह पराली ना जलाएं, पराली जलाने से सिर्फ जमीन बंजर नहीं हो रही, बल्कि पर्यावरण प्रदूषण भी हो रहा है। जो की एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है।
मध्य प्रदेश में पराली जलाने पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है। लेकिन किसानों को बता दे कि उस पराली का वह इस्तेमाल कर सकते हैं। कई ऐसे कृषि यंत्र है जिनकी मदद से उस पराली का खाद बना सकते हैं, भूसा बना सकते हैं, तो चलिए उनके बारे में जानते हैं।

इन कृषि यंत्र से होंगे एक साथ कई काम
दरअसल, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर और स्ट्रॉ रीपर की बात कर रहे हैं। इन कृषि यंत्रों पर मध्य प्रदेश सरकार 40% तक अनुदान दे रही है। जिसके बाद कीमत बेहद कम हो रही है। जिसमें आपको बता दे की स्ट्रॉ रीपर पर से किसान गेहूं के अवशेष नरवाई से भूसा बना सकते हैं, और उसे अपने पशुओं को सुखा चारा के रूप में दे सकते हैं, यह दूसरे पशुपालक को बेंच सकते हैं।
साथ ही हैप्पी सीडर की बात करें तो इसका इस्तेमाल किसान करेंगे तो दूसरी फसल लगाने के लिए खेत जोतना नहीं पड़ेगा। साफ सफाई नहीं करनी पड़ेगी। सीधे बुवाई कर सकते हैं अच्छा उत्पादन मिलता है। पराली खाद का काम करती है, मिट्टी उपजाऊ हो जाती है, खरपतवार भी कम होता है, खाद का खर्चा कम होता है, कमाई अधिक होती है। यही नरवाई जो किसान जलाकर राख कर रहे हैं, वह छोटे टुकड़ों में हो जाती है, और खाद बन जाती है।
यह भी पढ़े- गेहूं की कटाई के बाद इस मशीन से करें खेत की जुताई, खरपतवार का होगा सफाया, सरकार भी दे रही 50% सब्सिडी
- स्ट्रॉ रीपर का इस्तेमाल किसान फसल को काटने के लिए, थ्रेसिंग करने के लिए, साफ करने के लिए करते हैं।
- सुपरसीडर का इस्तेमाल किसान भाई जोताई के लिए, बुवाई के लिए और बीज को ढकने के लिए करते हैं।
- हैप्पी सीडर का इस्तेमाल किसान ट्रैक्टर के साथ करते हैं, यह फसल अवशेष को हटाता है, और बीज की बुवाई कर देता है, जुताई बुवाई के साथ बीज ढकने का काम एक साथ हो जाता है।
1,15,000 रु तक अनुदान
इन कृषि यंत्रों के फायदे देखते हुए सरकार इन पर 40% तक अनुदान दे रही है। जिसमें इन तीनों कृषि यंत्रों की कीमत करीब 2,50,000 रुपए है, जिसमें 1,05,000 से लेकर 1,15,000 तक सरकार अनुदान दे रही है। जिससे यह कृषि यंत्र किसानों को सस्ते पड़ रहे हैं। यह कृषि यंत्र किसान अपने इस्तेमाल के साथ-साथ अन्य किसानों को भी किराए पर दे सकते हैं, कमाई कर सकते हैं।
यह भी पढ़े- जीवामृत नहीं ₹60 की ये जैविक खाद खेत में डालें, मिट्टी उपजाऊ, उत्पादन बंपर, अनाज की गुणवत्ता भी 1 नंबर