कंबाइन हार्वेस्टर की मदद से किसान कई तरह की फसलों की कटाई, थ्रेसिंग और विनोइंग कर सकते हैं। इसकी खरीदी पर सरकार 11 लाख रुपए अनुदान दे रही है-
फसलों की कटाई
इस समय रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं जैसी अन्य फसलों की कटाई का काम चल रहा है। ऐसे में किसानों को सही समय पर कटाई करने के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करना पड़ता है। मजदूर से कटाई में लागत अधिक आती है, समय भी ज्यादा लगता है, मौसम खराब होने से किसान को नुकसान हो सकता है। ऐसे में कंबाइन हार्वेस्टर मशीन किसानों के काम को आसान कर सकती है। इससे गेहूं, धान, मक्का आदि फसलों की कटाई किसान कर सकते हैं जो की पारंपरिक फसले हैं।
कंबाइन हार्वेस्टर पर सब्सिडी
कंबाइन हार्वेस्टर एक शानदार मशीन है। इससे कटाई, थ्रेसिंग और विनोइंग का काम होता है। गेहूं, धान, मक्का, जौ, सोयाबीन जैसी कई फसलों की कटाई इससे कर सकते हैं। एक साथ तीन काम करने वाली इस मशीन पर सरकार द्वारा 40 से 50% सब्सिडी दी जा रही है। जिसमें अनुसूचित जाति, जनजाति और लघु सीमांत वर्ग, और महिला किसानों को 50% अनुदान मिलेगा। जिसके तहत अधिकतम 11 लाख रुपए सब्सिडी मिल रही है।

वहीं सामान्य वर्ग के किसानों की बात करें तो उन्हें 40% सब्सिडी यानी की अधिकतम 8.80 लाख रुपए प्राप्त हो रहा है। जिससे कंबाइन हार्वेस्टर की कीमत आधी हो जाती है। अनुदान का लाभ लेने के लिए किसानों को आवेदन करना होगा। चलिए जानते हैं आवेदन के बारे में और मशीन की कीमत भी।
आवेदन कैसे करें
कंबाइन हार्वेस्टर मशीन की खरीदी करना चाहते हैं तो आवेदन का लाभ उठाकर कीमत को कम कर सकते हैं आपको बता दे कि भारत में कंबाइन हार्वेस्टर की कीमत 5 लाख से 26 लख रुपए के बीच में पड़ती है अलग-अलग ब्रांड और उसकी क्षमता के आधार पर कीमत अलग हो सकती है जिसमें सरकार की तरफ से 40 से 50% अनुदान मिल रहा है जिससे कीमत बेहद कम हो जाती है। आवेदन करने के लिए किसानों के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, जमीन के कागज बैंक खाता पासबुक, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज होने चाहिए।
आवेदन करने के लिए सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन (एसएमएएम) योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://agrimachinery.nic.in/ पर जा सकते हैं। जिससे किसानों को अपने ही जिले की कृषि विभाग द्वारा रजिस्टर्ड डीलर से सब्सिडी के साथ कंबाइन हार्वेस्टर प्राप्त होगा। इस मशीन से किसान अपने खेती के काम तो पूरे कर ही सकते हैं, साथ ही अन्य किसानों को किराए पर देकर कमाई भी कर सकते हैं।