गेहूं के पराली से फ्री में बनेगी खाद, यहां से मिलती है मुफ्त की कैप्सूल, पराली पर छिड़क दे, एक हफ्ते में बन जाएगी जैविक खाद

पराली को जलाने की जरूरत नहीं है। इससे खेत की मिट्टी खराब होती है, उत्पादन कम मिलेगा, पर्यावरण प्रदूषण होता है, चलिए आपको मुफ्त की कैप्सूल की जानकारी देते हैं जिससे वह खाद बन जाएगी-

पराली जलाने पर जुर्माना

गेहूं की कटाई के बाद पराली किसानों के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो जाती है। कुछ जगहों में किसान पराली को जला दे रहे हैं। जिसके बाद पकड़े जाने पर उन पर जुर्माना लग रहा है। पराली जलाने के लिए कई राज्य सरकारी सीधा मना कर रहे हैं। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, एनजीटी द्वारा पराली जलाने पर रोक लगाया गया है। इससे प्रदूषण होता है। इनका कहना है की फसल अवशेष का प्रबंध किया जाए। पराली जलाने से खुद किसान को नुकसान होता है।

खेत के मिट्टी में जो किसान के मित्र कीट है, सूक्ष्म जीव है वह खत्म हो जाते हैं। जिससे मिट्टी में उर्वरता बढ़ती है। इसलिए किसानों को पराली नहीं जलाना चाहिए। अगर आप चाहते हैं कि पराली से खाद बना ले तो चलिए इसके बारे में जानकारी देते हैं जिसमें ₹1 खर्च नहीं होगा।

इस कैप्सूल से पराली से बनेगी खाद

पराली/नरवाई से खाद बनाना बेहद आसान है। इसके लिए आपको एक जगह पर पराली को इकट्ठा करना होगा। इसके बाद वेस्ट डी कंपोजर का इस्तेमाल करें यह एक जैविक उत्पाद है। इसमें सूक्ष्म जीव बैक्टीरिया, फंगस होते हैं जो पराली को गलाने का काम करते हैं, और पराली से जैविक खाद बन जाती है। अगर किसान पराली यानी की नरवाई नहीं जलाना चाहते हैं तो इसका इस्तेमाल करें, इससे मिट्टी की उर्वरता बड़ेगी। फसल अच्छी होगी, उत्पादन बढ़ेगा, कमाई अधिक होगी, चलिए जानते हैं यह वेस्ट डी कंपोजर कहां मिलेगा।

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कहां मिल रहा वेस्ट डी कंपोजर

वेस्ट डी कंपोजर एक कैप्सूल है। जिससे पराली से खाद बन जाएगी। इसे खरीदने के लिए किसानों को पैसे नहीं देने पड़ेंगे। आपको बता दे की राजकीय कृषि बीज भंडार में यह कैप्सूल किसानों को दी जाती है। ताकि किसान इसका इस्तेमाल कर सके, पराली ना जलाएं, उससे जैविक खाद बना ले।

पराली से किसान भूसा भी बना सकते हैं, तथा पशुपालकों को इसकी बिक्री कर सकते हैं। कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें पराली से किसान कर सकते हैं। पराली का इस्तेमाल मल्चिंग के लिए भी कर सकते हैं, गर्मी में फसलों को बचाने के लिए, मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए जमीन पर बिछा दें।

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