ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन नहीं घटेगा, कीट और रोग के लिए करें ये उपाय, जानिये ड्रैगन फ्रूट के पौधों को खराब होने से कैसे बचाएं। इस लेख में हम जानेंगे कि किस ड्रैगन फ्रूट की अगर खेती कर रहे हैं तो वह फसलों को कैसे बजाए क्योंकि कई तरह की समस्या है खड़ी हो जाती है जिससे उत्पादन घर सकता है
ड्रैगन फ्रूट की खेती
ड्रैगन फ्रूट की खेती में किसानों को बहुत अधिक मुनाफा है। इसलिए आजकल ज्यादा से ज्यादा किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। लेकिन पौधे लगाने बस से उन्हें मुनाफा प्राप्त नहीं हो सकता। उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि पौधों को कैसे बचाया जाए। क्योंकि ड्रैगन फ्रूट की पौधों को कई तरह की मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। जैसे की कीट लगना, पौधों का सड़ना, गलना, सूखना, फलों में विभिन्न प्रकार के कीड़े-मकोड़े लगना। जिससे वह फल खा जाते हैं और पौधे अगर अच्छे नहीं होते तो अच्छे फल भी नहीं आते हैं। इसीलिए आज हम जानेंगे कि पौधे में कौन-सी समस्या आ रही तो उसके लिए क्या उपाय करेंगे।
ड्रैगन फ्रूट के पौधों को खराब होने से कैसे बचाएं
अगर आपके ड्रैगन फ्रूट में किसी भी तरह की बीमारी लग गई है, जैसे की कोई फफूंद या जीवाणु रोग जनक पैदा होते नजर आ रहे हैं। जिनमे से कुछ रोग होते हैं एंथ्रेक्नोज, भूरे रंग के धब्बे, तने का सड़ना आदि। जिससे ड्रैगन फ्रूट की खेती बर्बाद हो सकती है। जिसका कारण यह माना जाता है कि अगर ज्यादा पानी खेतों में डाल दिया हो, जिससे बहुत दिनों तक वह पानी रुक रहा हो, या फिर ज्यादा बारिश हो गई हो इस कारण भी यह सारी बीमारियां देखने को मिलती है।
जिसके लिए किसान यह समाधान कर सकते हैं कि एंथ्रेक्नोज को क्लोरोथैलोनिल या मैंकोज़ेब सहित दोg/L पर के हिसाब से छिड़काव कर सकते हैं। इसके साथ ही एकg/L पर कार्बेन्डाजिम भी छिड़क सकते हैं। इससे भी इस समस्या से किसानों को राहत मिलेगी और फसल को खराब होने से बचाया जा सकता है। चलिए जानते हैं अन्य समस्याओं और उनके समाधान।
कीट और रोग के लिए करें ये उपाय
ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसान फलों की बिक्री करके कमाई करते है। जिससे उन्हें 20-25 साल कमाई होती है। लेकिन अगर फलों में लगने वाली चीटियां, मीली कीड़े, बोर, कैटरपिलर, नेमाटोड, चमगादड़, चूहा, दीमक या फिर पक्षियों के आक्रमण से परेशान है। तो इन दिक्कतों से छुटकारा पाने के लिए कॉपर सल्फेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिससे इस समस्या से राहत मिलेगी।
क्योंकि इससे रासायनिक रूप से नियंत्रित किया जा सकेगा। वहीं अगर सड़न की समस्या आ रही है और सूर्य के अतिरिक्त प्रकाश के कारण हो रहे हैं तो इसके लिए कॉपर ऑक्सिक्लोराइड 0.2% पर के द्वारा रोक सकते हैं। इससे भी उन्हें फायदा मिलेगा। इस तरह अगर पौधों को बचाया गया तो किसानों लम्बे समय तक इस खेती से कमाई होगी।