किसानों को समझाने के लिए खुद खेत जोत रहे कलेक्टर, नरवाई मिट्टी में मिलाने के बताए फायदे, जाने किसानों को क्या मिला संदेश

किसान खेत में फसलों के अवशेष, नरवाई, पराली ना जलाएं, इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। साथ ही कलेक्टर ने खेत में रोटावेटर चला कर किसानों को बहुत ही बढ़िया संदेश दिया है-

नरवाई जलाने पर रोक

विभिन्न राज्य सरकारें नरवाई जलाने पर रोक लगा रही है। जिसमें आज बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश राज्य की। आपको बता दे कि यहां पर नरवाई जलाने पर प्रति एकड़ के अनुसार 2000 से लेकर ₹15000 तक जुर्माना लग रहा है। इसके अलावा किसानों को सरकारी योजनाओं से भी वंचित किया जा रहा है। यानी कि बड़ा भारी नुकसान किसानों को नरवाई, फसल अवशेष, पराली जलाने पर हो रहा है।

लेकिन सबसे बड़ा नुकसान तो किसान के खेत की मिट्टी का खराब होना है, पर्यावरण प्रदूषण होना है। लेकिन कुछ किसान इन बारीकियां को नहीं समझ रहे हैं और पराली जला दे रहे हैं। ऐसे में किसानों को दंड देकर, डरा कर रोका जा रहा है।

खेत जोत रहे कलेक्टर

किसानों को समझाने के लिए सभी सरकारी कर्मचारी लगे हुए हैं। लगातार किसानों से अनुरोध कर रहे हैं। लेकिन फिर भी कुछ किसान नहीं समझ रहे हैं। ऐसे में एक कलेक्टर ने गजब का दिमाग लगाया है, दरअसल हम बात कर रहे हैं अंशुल गुप्ता जी की, जो विदिशा जिले में कलेक्टर हैं। उन्होंने एक प्रगतिशील किसान के खेत में ट्रैक्टर रोटावेटर चलाया और बताया कि किस तरीके से फसल अवशेष को मिट्टी में मिलाया जा सकता है, खेत में आग लगाने की जरूरत नहीं है।

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मिट्टी में नरवाई मिलाने के फायदे

खेत में अगर किसान पराली मिलाते हैं तो मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है, जैव विविधता में वृद्धि होती है, और फसल उत्पादन बढ़ता है, जिससे किसानों को अधिक कमाई होती है। इस तरह रोटावेटर का इस्तेमाल करके किसान खरपतवार पर नियंत्रण पा सकते हैं। मिट्टी को भुरभुरा और समतल भी बना सकते हैं। इससे जैव पदार्थ मिट्टी में मिल जाएगा। पराली जलाने से होने वाले नुकसान से भी बच सकते हैं किसान। बल्कि उसका इस्तेमाल करके उठाएंगे फायदा।

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