खेती होगी बाएं हाथ का खेल, आधुनिक कृषि यंत्रों पर 4 लाख रु अनुदान दे रही सरकार, सीजन के अनुसार मिलेंगे कृषि यंत्र

खेती के लिए अब सरकार किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध करवा रही है। जिसमें सभी तरह के कृषि यंत्र फसल के अनुसार किसानों को समय पर दिए जाएंगे-

आधुनिक कृषि यंत्र से खेती के काम आसान

किसान अगर आधुनिक कृषि यंत्र का इस्तेमाल करते हैं तो खेती आसान हो जाएगी। कृषि यंत्र से काम जल्दी और कम लागत में होते है। क्योंकि खेती मेहनत का काम होती है। जिससे कई ऐसे लोग हैं, जिनके पास अपनी खुद की जमीन है, फिर भी वह खेती नहीं कर पाते हैं। क्योंकि खेती करना एक अकेले इंसान के बस की बात नहीं होती। मजदूरों की जरूरत पड़ती है। लेकिन इस महंगाई में मजदूर भी मिलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कृषि यंत्र की मदद से किसान समय पर सारे काम आसानी से कर सकते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं योजना के बारे मे।

आधुनिक कृषि यंत्रों पर 4 लाख रु अनुदान

दरअसल, बिहार राज्य सरकार की योजना की बात कर रहे हैं। जिसमें किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र खरीदने पर ₹400000 अनुदान दिया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य प्रदेश के सभी ग्राम पंचायत में एक कस्टम हायरिंग केंद्र यानी की सीएचसी स्थापित हो। जिससे सभी किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करके खेती को सुविधाजनक बना सके। चलिए आपको बताते हैं कस्टम हायरिंग सेंटर में कौन-कौन सी मशीन रहेंगी।

कस्टम हायरिंग सेंटर

कस्टम हायरिंग सेंटर में तरह-तरह के आधुनिक मशीन देखने को मिलेंगी। जिसमें ट्रैक्टर से चलने वाले और स्वचालित यंत्र भी शामिल होंगे। जिससे किसान खेत जोतना बीच की बुवाई करना कटाई करना और थ्रेसिंग करने का काम भी कर लेंगे। यहां पर सीजन के अनुसार कृषि यंत्र किसानों को मिलेंगे।

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कैसे मिलेगा योजना का लाभ

कस्टम हायरिंग सेंटर अनुदान पर अगर किसान खोलना चाहते हैं तो आपको बता दे की 40% अनुदान यानी की अधिकतम चार लाख रुपए मिल रहे हैं। जिसमें लागत 10 लाख रुपए की आती है। यानी की 60% किसानों को खर्च करना पड़ेगा। लेकिन यहां पर सभी कृषि यंत्र उपलब्ध होंगे। जिससे किसानों को फायदा होगा। इस योजना का लाभ किसान व्यक्तिगत तौर पर या फिर समूह बनाकर उठा सकते हैं।

जिसमें बताया जाता है कि किसान उत्पादक संगठनों (FPO), ग्राम संगठनों, प्रगतिशील किसानों, जीविका समूह के किसान, पैक्स, क्लस्टर फेडरेशनों, आत्मा से संबद्ध फार्मर इंटरेस्ट ग्रुप्स, किसान उत्पादक कंपनियों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और नाबार्ड या राष्ट्रीयकृत बैंकों से संबद्ध किसान क्लबों, आदि के जुड़े हुए किसान उठा सकते हैं। अभी तक 950 कस्टम हायरिंग केंद्र बन चुके हैं जबकि आने वाले समय में 267 नए सीएचसी केंद्र बनाए जाएंगे। जिससे सभी किसानों तक यह फायदा पहुंचेगा।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

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