मुट्ठी भर बीज बिखेर दो जमीन पर 20 दिन में हो जाएंगी कटाई शुरू, ATM की तरह खचा-खच आएगा पैसा, आइये जानते है इस हरे पत्ती की खेती कैसे करे, कैसी मिट्टी है उपयुक्त।
हरी पत्तेदार सब्जी की खेती
इस खरीफ सीजन में किसान पालक की खेती कर अच्छी कमाई कर सकते हैं। पालक पूरे वर्ष बोया जाता है। पालक हरी पत्तेदार सब्जी है। सब से जल्दी तैयार होनर वाली पसल है पालक में विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम जैसे खनिजों से भरपूर है। ये फसल रबी , खरीफ, जायद तीनो मौषम में खेती होती है।
पालक की खेती के लिए मिटटी और सिंचाई
बीजों के बढ़िया अंकुरण के लिए मिट्टी में नमी का होना बहुत आवश्यक है। यदि मिट्टी में नमी अच्छी तरह से ना हो तो, बीज डालने से पहले सिंचाई करें या फिर बीज डालने के बाद पहली सिंचाई करें।गर्मी के महीने में, 4-6 दिनों के फासले पर सिंचाई करें जब कि सर्दियों में 10-12 दिनों के फासले पर सिंचाई करें। ज्यादा सिंचाई करने से परहेज़ करें। ध्यान रखें की पत्तों के ऊपर पानी ना रहे क्योंकि इससे बीमारी का खतरा और गुणवत्ता में कमी आती है।
पालक की बुवाई का समय
पालक की बुवाई वर्ष भर की जा सकती है। पालक की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए बुवाई जनवरी-फरवरी, जून-जुलाई और सितंबर-अक्टूबर में की जा सकती है। जिससे पालक की अच्छी पैदावार प्राप्त होती है।
पालक की छंटाई और कटाई
फसल बिजाई के 25-30 दिनों के बाद पहली कटाई के लिए तैयार हो जाती है। कटाई 20-25 दिनों के फासले पर लगातार की जानी चाहिए। कटाई के लिए तीखे चाकू का प्रयोग किया जाता है। बीमार पौधों को हटा दें, पत्तों में विभिन्नता दिखाने वाले पौधों को हटा दें। कीटनाशक स्प्रे के बाद तुरंत कटाई ना करें। स्प्रे के 7 दिनों के बाद कटाई करें।
पालक की कीमत
इस खरीफ सीजन में किसान पालक की खेती कर के अच्छी कमाई कर सकते हैं। पालक की बाजार में साल भर मांग बनी रहती हैं। ऐसे में किसान अगर इस खरीफ सीजन में पालक की खेती पर जोर देंगे तो उन्हें अच्छा मुनाफा हो सकता है। तो 150 से 250 क्विंटल तक की उत्पादन मिल सकता है। जिसे बाजार में 15 से 20 रुपए किलो की दर से बेचा जाता है।