गाजर की बुवाई से पहले खेत को ऐसे करें तैयार, 2 गुना बढ़ जाएगी पैदावार मार्केट में मिलेगा मोटा दाम, जाने खेती की विधि

On: Friday, October 10, 2025 9:44 AM
गाजर की बुवाई से पहले खेत को ऐसे करें तैयार, 2 गुना बढ़ जाएगी पैदावार मार्केट में मिलेगा मोटा दाम, जाने खेती की विधि

गाजर की खेती का समय आ गया है गाजर की खेती में सही मिट्टी, समय पर सिंचाई और जैविक खाद का उचित प्रयोग करने से बहुत शानदार पैदावार प्राप्त होती है। तो चलिए जानते है गाजर की खेती के लिए कौन सी वैरायटी का चयन करना है।

आ गया गाजर की खेती का समय

गाजर एक ऐसी फसल है जो सर्दियों की प्रमुख सब्जी है इसका उपयोग सलाद से लेकर मिठाई तक में खूब होता है। आज हम आपको गाजर की एक ऐसी वैरायटी के बारे में बता रहे है जो अपने आकर्षक रंग और उच्च मिठास के लिए फेमस है। इसे बाजार में बेहतर दाम मिलने के कारण ये किसानों और उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी होती है। गाजर की ये किस्म उच्च पोषक तत्वों जैसे कैरोटीनॉयड और फिनोल से भरपूर होती है जो एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रदान करते है। गाजर की इस वैरायटी का नाम पूसा रुधिर है ये गाजर की एक उन्नत किस्म है जो लंबी, चमकदार लाल जड़ों, समान आकार और उच्च मिठास के लिए जानी जाती है।

गाजर की पूसा रुधिर किस्म

गाजर की पूसा रुधिर किस्म की खेती व्यावसायिक रूप से की जाती है इसकी खेती के लिए 15°C से 25°C तापमान उपयुक्त होता है। अक्टूबर में इसकी बुवाई करने से सर्वोत्तम उच्च गुणवत्ता वाली उपज मिलती है। गाजर की पूसा रुधिर किस्म की खेती के लिए जल निकास वाली हल्की, रेतीली दोमट मिट्टी अच्छी होती है। मिट्टी का pH स्तर 6.0–7.5 के बीच होना चाहिए। बुवाई से पहले खेत को गहरा जोतकर तैयार करना चाहिए और मिट्टीमें कपोस्ट खाद डालना चाहिए बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 4–5 किग्रा बीज की आवश्यकता होती है। इसकी खेती में कतार से कतार की दूरी 30 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 7–10 सेमी रखना चाहिए। जिससे पौधे अच्छे से ग्रोथ करते है। बुआई के बाद गाजर की पूसा रुधिर किस्म की फसल लगभग 90 से 110 दिनों में खुदाई के लिए तैयार हो जाती है।

जाने प्रति हेक्टेयर उपज

गाजर की पूसा रुधिर किस्म की खेती से बहुत बंपर उत्पादन प्राप्त होता है इस किस्म की खेती से किसानों ने लाभ कमाया है जिससे गांव के अन्य किसानों ने भी इसमें रुचि दिखाई है। एक हेक्टेयर में गाजर की पूसा रुधिर किस्म की खेती करने से लगभग 240 से 300 क्विंटल का उत्पादन मिलता है आप इसकी खेती से लाखों का मुनाफा कमा सकते है।

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