जमीन उगलेगी सोना, यह 5 मास्टर प्लान अपना करके तो देखें, कम लागत में होगा बंपर उत्पादन, जाने मिट्टी उपजाऊ कैसे बनाएं

खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाना चाहते हैं तो इस लेख में पांच बिंदु के आधार पर जाने मिट्टी उपजाऊ कैसे बनाएं, अधिक उत्पादन कैसे मिलेगा-

पर्यावरण प्रदूषण

पर्यावरण प्रदूषण लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जिसके कारण भी अनेक है। लेकिन आज हम खेती का किसानी की बात कर रहे हैं तो बता दे की खेत में किसान रासायनिक खाद, कीटनाशक आदि का इस्तेमाल बहुतायत रूप से कर रहे हैं। किसान अधिक उत्पादन लेने के लिए रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल कर लेते हैं। जिससे खेत की मिट्टी खराब हो रही है और पर्यावरण प्रदूषण का यह भी एक कारण है।

तब अगर किसान चाहते है कि खेत की मिट्टी उपजाऊ हो और आने वाले समय में कम लागत में खेती करके वह अधिक उत्पादन ले सके साथ ही पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सके तो चलिए ऐसे पांच उपाय जानते हैं जिनसे खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाया जा सकता है और पानी की कमी से बचा जा सकता है।

मिट्टी उपजाऊ कैसे बनाएं

खेत और पानी किसान के पास होंगे तभी वह खेती में सफल हो सकता है। जिसमें खेत की मिट्टी का उपजाऊ होना जरूरी है और पानी की उचित मात्रा भी, तो चलिए ऐसे पांच बिंदु जानते हैं जिनसे खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाया जा सकता है और पानी की बचत करके आने वाले लंबे समय तक पानी को सुरक्षित रखा जा सकता है-

  • सबसे पहले हम बात करेंगे पानी की, तो पानी की बचत करने के लिए किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली अपनाना चाहिए। इससे जल का संचय होता है, जमीन में नमी भी बनी रहेगी। आवश्यकता के अनुसार किसानों को पानी मिलेगा। एक पौधे को जितनी जरूरत है उस हिसाब से उसे पानी मिलेगा। उत्पादन भी अधिक प्राप्त होगा। वही खरपतवार की समस्या भी नहीं आएगी। इसलिए पानी का कुशल इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे किसानों को आने वाले समय में पानी से जुड़ी समस्याएं नहीं आएंगी।
जैविक खाद
  • इसके अलावा किसानों को संतुलित खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। जैविक और रासायनिक खाद का संतुलन बनाना चाहिए। यह नहीं कि सिर्फ रासायनिक खाद का इस्तेमाल करें। किसान धीरे-धीरे जैविक खाद का इस्तेमाल करते जाएं और जैविक खाद की मात्रा को बढ़ाते जाएं। फॉस्फोरस, पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों का इस्तेमाल करें। किसानो को हो सके तो ज्यादा से ज्यादा गोबर खाद, वर्मी कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। सरकार भी इसमें सहयोग दे रही है, सब्सिडी दे रही है।
  • साथ ही किसान भाइयों को पोषक तत्व की कमी का ध्यान रखना चाहिए। जमीन का परीक्षण करना चाहिए, की जमीन को किन पोषक तत्वों की आवश्यकता है, उसके अनुसार उन्हें खाद देना चाहिए। जमीन का पीएच मान, जैविक कार्बन स्तर, यह सब कुछ किसानों को नापना चाहिए।

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  • किसानों को अब खेती में नई तकनीक का भी इस्तेमाल करना चाहिए जैसे कि जीपीएस आधारित खेती, सॉइल हेल्थ कार्ड आदि। अगर किसान नई तकनीक का इस्तेमाल करके खेती करेंगे तो उन्हें कम लागत में अधिक फायदा होगा। साथ ही उनके खेत की मिट्टी भी उपजाऊ रहेगी।
  • जैविक खाद के इस्तेमाल के साथ-साथ किसानों को फसल चक्र पर ध्यान देना चाहिए। एक ही फसल बार-बार खेत में नहीं लगाना चाहिए। इससे रोग बीमारी फसल में अधिक आती है और जमीन का कटाव होता है तो अगर किसान चाहते हैं कि ज्यादा उत्पादन मिले और मिट्टी भी उपजाऊ रहे तो फसल चक्र अपनाना चाहिए, अलग-अलग फसले लगाना चाहिए। इससे जमीन के कटाव को रोक सकते हैं। साथ ही हरी खाद का इस्तेमाल करके जैविक खेती करनी चाहिए और जमीन संरक्षण पर जोर देना चाहिए।

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