अप्रैल के महीने में किसान जरूर करें इन 3 सब्जियों की खेती, मार्केट में है खूब डिमांड सभी सब्जियों में मिलेंगे मोटे दाम, जाने नाम

अप्रैल के महीने में किसानों को इन सब्जियों की खेती जरूर करनी चाहिए क्योकि इनकी डिमांड बाजार में खूब होती है जिससे कीमत भी तगड़ी मिलती है तो चलिए जानते है कौन सी सब्जी की खेती है।

अप्रैल में करें इन 4 सब्जियों की खेती

आज हम आपको कुछ ऐसी सब्जियों की खेती के बारे में बता रहे है जिनकी डिमांड बाजार में खूब अधिक मात्रा में होती है इन सब्जियों की खेती से न केवल अधिक उपज मिलती है बल्कि इनकी कीमत भी बाजार में अच्छी मिलती है लोग इन सब्जियों का सेवन करना गर्मी में ज्यादा पसंद करते है क्योकि शिमला, गोभी और अन्य सब्जियों का ट्रेंड जनवरी फरवरी के मध्य तक खत्म हो जाता है। तो चलिए जानते है कौन सी सब्जियों की खेती है।

भिंडी की खेती

अप्रैल के महीने में किसानों को भिंडी की खेती जरूर करनी चाहिए क्योकि भिंडी की डिमांड और कीमत दोनों ही बाजार में खूब अधिक देखने को मिलती है लोग भिंडी का सेवन करना बहुत पसंद करते है। भिंडी की खेती के लिए अच्छे किस्म के बीजों का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण काम होता है। अच्छी किस्म से न केवल अधिक उपज मिलती है बल्कि कई रोगों के प्रति प्रतिरोधी होती है क एकड़ में भिंडी की खेती के लिए 4-6 किलो बीज पर्याप्त होते है। बुवाई के बाद इसके पौधे करीब 45 से 60 दिनों में फल देने लगते है।

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करेले की खेती

गर्मियों के मौसम में बेल वाली सब्जियों के लिए करेले की बुवाई जरूर करनी चाहिए। करेले की डिमांड बाजार में खूब होती है क्योकि ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। करेले की खेती के लिए जमीन को रोटावेटर या कल्टीवेटर से अच्छी तरह से जुताई करके खरपतवार हटाना चाहिए इसकी खेती के लिए उन्नत किस्म के बीजों का चुनाव करना चाहिए। करेले की खेती मचान विधि या खुले मैदान में जमीन पर भी फैलाकर की जा सकती है बुवाई के बाद इसकी फसल करीब 55 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है

बैंगन की खेती

अप्रैल के महीने में किसान बैंगन की खेती भी कर सकते है बैंगन की खेती में ज्यादा लागत की जरूर नहीं होती है और इसकी फसल कम दिनों में तैयार हो जाती है बैंगन एक नकदी फ़सल है और इससे अच्छा मुनाफ़ा मिलता है बैंगन की खेती के लिए उपजाऊ रेतली दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है. इसमें पानी का निकास अच्छा होना चाहिए। बैंगन की खेती में ड्रिप इरिगेशन की मदद लेनी चाहिए और इसकी खेती में गोबर की खाद का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। बुवाई के बाद बैंगन की फसल करीब 40 से 55 दिनों में तैयार हो जाती है।

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नमस्ते दोस्तों, मैं नंदिनी । पिछले 2 साल से पत्रकारिता में काम कर रही हूं और अलग-अलग विषयों पर लिखना मुझे बहुत पसंद है। खासतौर पर खेती, बागवानी और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों में मेरी गहरी रुचि है। मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि आपको सच्ची और सही जानकारी दे सकूं, ताकि आप इन विषयों को अच्छे से समझ सकें। अगर आप भी इन जरूरी और दिलचस्प बातों को जानना चाहते हैं, तो जुड़े रहें https://khetitalks.com/ के साथ। धन्यवाद