बेर की खेती से अपनी किस्मत चमकाना चाहते हैं तो चलिए जानते हैं एक ऐसे किसान की कहानी जिन्होंने पढ़ाई पूरी नहीं की लेकिन खेती से नाम और पैसा भी कमा रहे हैं-
सफल किसान का परिचय
खेती-किसानी से लाखों-करोड़ों रुपए कमाए जा सकते हैं। यह कई लोगों को एक मजाक लगता है, लेकिन आपको बता दे कि यह सच है। कई ऐसे किसान है जो पढ़े लिखे ना होने के बावजूद भी खेती से लाखों करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। जिसमें आज हम आपको एक ऐसे किसान की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं जो कि बेर की खेती करके 8 से 9 लाख रुपए की कमाई कर लेते हैं। क्योकि बेर सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
बेर की खेती करने वाले इस सफल किसान का नाम नसीरुद्दीन है और वह त्रिपुरा के निवासी है। आपको बता दे कि उन्होंने सेकेंडरी स्कूल तक पढ़ाई की है। उसके बाद कुछ कारण से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी नहीं की लेकिन सोशल मीडिया पर एक ऐसी पोस्ट देखी जिसमें बेर की खेती से होने वाले मुनाफे की जानकारी दी गई थी। जिसके बाद नसीरुद्दीन ने खेती करने का फैसला किया और अब बेर की खेती से बंपर मुनाफा ले रहे हैं तो चलिए जानते हैं कैसे।
200 से 1000 पौधों तक का सफर
किसी भी खेती को करने से पहले किसान भाइयों को इसकी खेती से होने वाले मुनाफे और खेती के तरीके की जानकारी होनी चाहिए। जिसमें नसरुद्दीन तो एक सेल्फ मेड फार्मर है। वह बताते हैं कि उन्होंने शुरुआत 200 पौधों से की थी। इसके पौधे उन्होंने कोलकाता से मंगाए थे। लेकिन आज उनके पास 1000 पर के पौधे हैं। शुरू उन्होंने 0.4 एकड़ की जमीन से बेर की खेती की थी।
लेकिन इतना उसमें फायदा है कि उन्होंने खेती का रकबा बढ़ा दिया है। पहली बार उन्हें बेर की खेती से 6 लाख की कमाई हुई थी, और अब 8 से 9 लाख रुपए वह शुद्ध मुनाफा कमा लेते हैं। बेर की खेती में मुनाफा होने का उनका एक अपना मॉडल है तो चलिए उसके बारे में जानते हैं।

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डायरेक्ट कंज्यूमर मॉडल
कभी-कभी किसानों को अच्छी फसल मिलती है। उनकी गुणवत्ता भी बढ़िया होती है। लेकिन कमाई अधिक नहीं होती। क्योंकि वह सीधा ग्राहकों तक नहीं पहुंच पाते हैं। जिससे उनके उत्पादन की कीमत घट जाती है। लेकिन नसीरुद्दीन के सामने डायरेक्ट कंज्यूमर मॉडल अपनाया हुआ है। जिससे वह सीधे ग्राहक से संपर्क करते हैं। उनके ग्राहक ₹100 किलो में बेर खरीद लेते हैं।
जिससे उन्हें ज्यादा मुनाफा होता है। वह एक पेड़ से 30 से 40 किलो प्राप्त करते हैं। यानी के उत्पादन में बंपर हो रहा है, और उसकी कीमत भी बढ़िया मिल रही है। बेर के साथ-साथ वह बेर के पौधों की भी बिक्री कर रहे हैं, यानी कि अपने आमदनी के जरिए को भी बढ़ा रहे हैं। शिवरात्रि में बैर की डिमांड बढ़ जाती है। इसीलिए आज हम बेर की खेती की चर्चा कर रहे हैं।