भविष्य में छापना है लाखों करोड़ों तो ऐसे करें समुद्री शैवाल की खेती, मिट्टी के लिए है अमृत, 45 दिनों में हो जायेगी तैयार । जानिए समुद्री सवाल की क्यों होगी इतनी डिमांड। जिससे कमाई का यह शानदार जरिया हाथ से छूटने न पाए।
समुद्री शैवाल क्या है ?
सबसे पहले हम समुद्री शैवाल के बारे में जान लेते हैं। तो समुद्री शैवाल समुद्री में पाया जाता है। इसका इस्तेमाल कई चीजों में होता है। जैसे कि भोजन, दवाइयां और खाद आदि में। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन के संबंध में भी इसी से समाधान मिल रहा है। जिससे आने वाले समय में इसकी कीमत और ज्यादा बढ़ने वाली है। समुद्री शैवाल रोजगार का एक अच्छा जरिया है। इससे मछली पकड़ने वाले महिला और पुरुष इसका व्यापार करके अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।
साथ ही पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत इसकी खेती को और ज्यादा बढ़ावा दिया जा रहा है। तो वहां से भी इससे आर्थिक मदद मिल जाएगी। चलिए जानते हैं समुद्री शैवाल की इतनी ज्यादा डिमांड क्यों है। आखिर इसमें क्या पाया जाता है और खेत के लिए यह अमृत कैसे हैं।
समुद्री शैवाल की इतनी डिमांड क्यों है ?
समुद्री शैवाल बहुत ही ज्यादा काम की चीज है। क्योंकि इसमें मिनरल्स, विटामिन, अमीनो एसिड के साथ-साथ प्रोटीन अच्छी खासी मात्रा में पाया जाता है। जिसके लिए कॉस्मेटिक के सामान भी इससे बनते हैं जो की सिंथेटिक कॉस्मेटिक से बढ़िया माने जाते हैं। क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी रिंकलिंग, एंटी एक्ने के साथ-साथ एंटी एजिंग जैसी कई तरह की प्रॉपर्टीज पाई जाती है।
साथ ही सीवीड फर्टिलाइजर भी इससे बनता है जो की मिट्टी के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है। इसे उगाने में तकरीबन 6 सप्ताह का ही समय लगता है। यानी कि बेहद कम समय में समुद्री सवाल उगाई जा सकती है। इसके अलावा आपको बता दे की समुद्री सवाल में आयोडीन, विटामिन और खनिज अच्छी खासी मात्रा में पाया जाता है। यह पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा। जिससे आने वाले समय में इसकी मांग और ज्यादा बढ़ने वाली है।
समुद्री शैवाल मिट्टी के लिए फायदेमंद कैसे ?
समुद्री शैवाल मिट्टी को उपजाऊ बनाने का काम करेगी। आपको बता दे कि अगर सीवीड फर्टिलाइजर का इस्तेमाल किया गया तो पौधे स्वस्थ और रोग मुक्त रहेंगे। साथ ही उन्हें मौसम की मार का कोई असर नहीं होगा। यानी कि गर्मियों में पौधे नहीं सूखेंगे। आपको बता दे कि जितना रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल हो रहा है तो उससे मिट्टी में कार्बन की मात्रा कम होती जा रही है।
जिससे मिट्टी का उपजाऊपन धीरे-धीरे बिल्कुल समाप्त हो सकता है। लेकिन अगर सीवीड फर्टिलाइजर का इस्तेमाल किया जाता है तो प्राकृतिक कोलाइड में संतुलन बनाया जा सकेगा। साथ ही मिट्टी की जैविक प्रभावशीलता बढ़ जाएगी। मिट्टी की संरचना पहले से बहुत सही हो जाएगी। बता दे की जैविक खाद मिट्टी की कुल संरचना के साथ-साथ नमी को बनाने में उसकी मदद करता है।
यह खाद के हार्मोन के रूप में कार्य करता है। क्योंकि इसमें कार्बनिक सक्रिय पदार्थ ज्यादा होता है। जिसमें बताया जा रहा है कि कार्बन पदार्थ सामग्री लगभग इसमें 18% से भी ज्यादा होती है। इस तरह आप देख सकते हैं समुद्री शैवाल एक बढ़िया खाद है। जिसका इस्तेमाल करके किसान, बागवानी करने वाले लोगों को भी ज्यादा फायदा होगा। यही वजह है कि अगर इसकी खेती कोई करते हैं तो आने वाले समय में उन्हें इसकी बढ़िया कीमत मिलेगी। साथ ही उनका व्यापार आसमान की ऊंचाइयां छू सकता है।