खेती के इस मॉडल से किसान ने खर्च आधा करके, कमाई दोगुनी कर ली, जानिए कैसे करते हैं नेचुरल फार्मिंग

खेती के इस मॉडल से किसान ने खर्च आधा करके, कमाई दोगुनी कर ली, जानिए कैसे करते हैं नेचुरल फार्मिंग।

खर्च आधा पर कमाई हुई दोगुनी

नमस्कार किसान भाइयों आज हम आपको खेती का एक ऐसा तरीका बताने जा रहे हैं जिससे गुजरात के किसान को बड़ा फायदा हो रहा है। वह बताते हैं कि पहले वह भी केमिकल वाली खाद और पेस्टिसाइड का इस्तेमाल करते थे, जिससे खर्चा ज्यादा आता था, कमाई कम होती थी और जो अनाज होता था वह सेहत के लिए फायदेमंद नहीं था। उनके गांव के एक व्यक्ति को इससे कैंसर हो गया था। जिसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि अब वह खेती में केमिकल वाली खाद पेस्टिसाइड इस्तेमाल नहीं करेंगे और अब वह पूरी तरह से ऑर्गेनिक फार्मिंग करते हैं।

जिसे नेचुरल फार्मिंग भी कहा जाता है। यह गाय पर आधारित फार्मिंग होती है। जिससे खर्च आधा आता है। पर कमाई ज्यादा होती है तो चलिए आपको बताते हैं कि वह किस तरीके से खेती करते हैं। पहले उन्हें कितना खर्चा आता था अब कितना आता है, और कमाई कैसे बड़ी है।

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ऐसे करते हैं नेचुरल फार्मिंग

कई सालों से किसान केमिकल वाली खाद, कीटनाशक आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिससे उन्हें ज्यादा पैदावार मिले। लेकिन यह ज्यादा पैदावार भले किसान की जेब भर रही है लेकिन उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा रही है और मिट्टी भी खराब कर रही है। इसलिए किसान नरसिंग भाई जी ने नेचुरल फार्मिंग करना शुरू किया। जिसमें 10 बीघा जमीन में वह खेती करते हैं और वह बिल्कुल नेचुरल काऊ बेस्ट फार्मिंग कर रहे हैं और यह वह 7 सालों से करते आ रहे हैं। जिसमें उन्होंने मूंगफली बाजार जैसे कई अनाजों की खेती की है।

उनके पास तीन गिर गाय हैं। जिनसे उन्हें दूध के साथ-साथ गोबर और गोमूत्र भी प्राप्त होता है और इसी गोबर गोमूत्र से खाद बनाते हैं। जिसमें वह जीवामृत, बीजामृत जैसी कई देसी शक्तिशाली खाद बनाते हैं। जिससे खाद और कीटनाशक का पैसा बच जाता है।

लागत और आमदनी में कितना आया अंतर

पहले केमिकल वाली खाद, पेस्टिसाइड का इस्तेमाल किया जाता था। जिसमें लागत अधिक आई थी। वह कहते हैं कि पहले एक लाख का खर्चा आता था और तीन से चार लाख तक कमाई होती थी। मगर जब से वह नेचुरल फार्मिंग करने लगे हैं तो 6 लाख तक का कम से कम उत्पादन हो रहा है और उसमें लागत 50000 आ रही है। यानी कि सीधा आधा खर्चा बच रहा है और कमाई भी 3 से 6 लाख हो रही है। इतना ही नहीं, जीवन जो की अनमोल होता है वह भी बचा रहे हैं। क्योंकि सेहत अगर बिगड़ जाएगी तो फिर पैसा भी क्या करेंगे।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

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