इस फूल की खेती किसानों के लिए सबसे लाभकारी होती है क्योकि इसकी मांग बाजार में सबसे अधिक होती है तो चलिए इसकी खेती के बारे में विस्तार से जानते है।
साल में 3 बार कर सकते है इस फूल की खेती
सूरजमुखी की खेती में बंपर पैदावार के लिए अच्छी किस्म का चयन करना बेहद महत्वपूर्ण काम होता है अच्छी किस्म न केवल अधिक पैदावार देती है बल्कि कई रोगों के प्रतिरोधी भी होती है सूरजमुखी की खेती के लिए ये किस्म बेहद उपयुक्त और लाभकारी साबित होती है क्योकि इसकी खेती में ज्यादा लागत नहीं आती है और कम दिनों में फसल तैयार हो जाती है आप इसकी खेती से बहुत जबरदस्त मुनाफा कमा सकते है हम बात कर रहे है सूरजमुखी की श्रेष्ठा-NSFH-36 किस्म की खेती की ये सूरजमुखी की एक उन्नत किस्म है तो चलिए इसकी खेती के बारे में जानते है।

कैसे करें खेती
अगर आप सूरजमुखी की श्रेष्ठा-NSFH-36 किस्म की खेती करना चाहते है तो आपको इसकी खेती से सम्बंधित जानकारी होना चाहिए जिससे आपको खेती करने में कोई परेशानी नहीं होगी। सूरजमुखी की श्रेष्ठा-NSFH-36 किस्म की खेती के लिए पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए फिर मिट्टी में वर्मी कम्पोस्ट और गोबर की खाद डालनी चाहिए इसकी बुवाई से पहले बीजों का एकबार उपचार करना फायदेमंद साबित होता है। बुवाई के बाद सूरजमुखी की श्रेष्ठा-NSFH-36 किस्म की फसल करीब 80 दिनों में तैयार हो जाती है।
कितनी होगी पैदावार
अगर आप सूरजमुखी की श्रेष्ठा-NSFH-36 किस्म की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से बहुत जबरदस्त पैदावार देखने को मिलेगी। एक एकड़ में सूरजमुखी की श्रेष्ठा-NSFH-36 किस्म की खेती करने से करीब 12 से 15 क्विंटल तक पैदावार मिलती है आप इसकी खेती से बहुत शानदार कमाई कर सकते है। सूरजमुखी की ये वैरायटी किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती है।