फ्री में झोला भरकर टमाटर ले जा रहे लोग, किसानों को हुआ लाखों का नुकसान, जानिए कहां गांव-गांव घूम कर दे रहे टमाटर

टमाटर की खेती करने वालों किसानों को भारी नुकसान। फ्री में बांटने पड़ रहे हैं। टमाटर चलिए बताते हैं कहां बिक्री करने के बजाय गांव-गांव घूम कर फ्री में टमाटर देना पड़ रहा है-

फ्री में बांट रहे टमाटर

टमाटर की खेती में किसानों को भारी-भरकम नुकसान हो गया है। एक पैसे का फायदा छोड़ो किसानों को लागत तक नहीं मिल रही है। आपको बता दे की मध्य प्रदेश के किसान टमाटर कौड़ियों के भाव बेंच रहे हैं। ₹1 से ₹2 किलो टमाटर बिक रहा है। कुछ किसान गुस्से में टमाटर सड़कों पर फेंक रहे हैं, तो वहीं कुछ किसान फ्री में टमाटर बांटकर पुण्य ले रहे है। जिससे लोगो को फ्री में झोलेभर कर टमाटर मिल रहे है।

₹200 वाला टमाटर ₹2 किलो हुआ

किसान जब देखते हैं कि इस साल किसी फसल की अच्छी कीमत मिलती है तो अगले साल उस फसल को लगाते हैं। ताकि उन्हें भी मुनाफा हो। आपको बता दे कि पिछले साल ₹200 टमाटर गया था, वह भी मोल-भाव में। लेकिन इस साल कीमत ₹1 से ₹2 किलो पहुंच गई है। जिससे किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है। बैतूल के किसान भूपेंद्र पवार का कहना है कि डेढ़ एकड़ में उन्होंने टमाटर की खेती की थी, बढ़िया फसल हुई। लेकिन दाम बहुत ही ज्यादा कम मिल रहे।

टमाटर की खेती, टमाटर की मजदूरों से तुड़ाई, और फिर मंडी में लाने के बावजूद उन्हें फ्री में टमाटर पड़ रहा है। बाजार में कोई टमाटर खरीदने को तैयार नहीं है। उन्होंने बताया कि 55000 की लागत आई थी देसी टमाटर की खेती करने में। लेकिन सब पानी में चला गया।

यह भी पढ़े- मधुमक्खी पालन के लिए 80% सब्सिडी, 20 बॉक्स के साथ कई यंत्र दे रही सरकार, कम खर्चे शुरू करें खुद का व्यवसाय, जानिए आवेदन कहां करें

किसानों की सरकार से गुहार

टमाटर की खेती में इतना ज्यादा नुकसान देखने के बाद किसान सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि कुछ उपाय ढूंढा जाए। जिससे न्यूनतम मूल्य पर टमाटर की बिक्री हो ही जाए। बैतूल जिले के किसान कहते हैं कि एक एकड़ में 30 से ₹40000 का नुकसान बैठ रहा है। इसलिए किसान सरकार से मांग रहे हैं कि कोई ठोस निति बनाई जाए। सब्जियों का न्यूनतम मूल्य तो मिल ही जाए। ₹2 से ₹10 किलो टमाटर बिकने से बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है। कुछ किसानों का तो यह भी कहना है कि अब वह कभी टमाटर की खेती नहीं करेंगे।

यह भी पढ़े- हड्डियों को मजबूत और पाचन को दुरुस्त करने वाले इस फल की खेती के लिए 38 हजार रु सब्सिडी दे रही सरकार, जानिए योजना

नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

Leave a Comment