टमाटर की खेती के लिए बेस्ट है ये किस्में जिससे होगा तगड़ा उत्पादन और जबरदस्त मुनाफा, जाने खेती का तरीका। टमाटर की खेती भारत में सबसे लोकप्रिय और लाभदायक सब्जी खेती में से एक है। यह लगभग सभी प्रकार की जलवायु में उगाया जा सकता है और इसमें अच्छा बाजार मूल्य होता है। आइए टमाटर की खेती के बारे में जानते है।
टमाटर की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
टमाटर के लिए गर्म और शुष्क जलवायु सबसे अच्छी होती है। अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी का pH मान लगभग 6.0-7.0 सबसे उपयुक्त होती है।
टमाटर की किस्में
टमाटर की कई किस्मे है। देशी किस्में – जैसे पूसा रूबी, पूसा अर्ली ड्वार्फ, हाइब्रिड किस्में – जैसे अर्का विकास, अर्का मेघाली, स्वर्णा, संकर किस्में – अधिक उत्पादन और रोग प्रतिरोधी, जैसे नवीन 2000, ललिमा।
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टमाटर की खेती कैसे करें
टमाटर की खेती गर्मी में जनवरी-फरवरी और खरीफ में जून-जुलाई और रबी के समय अक्टूबर-नवंबर में की जाती है। एक हेक्टेयर खेत के लिए 300-400 ग्राम बीज की जरूरत होती है। नर्सरी में 1 सेमी गहराई में बीज बोएं। 25-30 दिन बाद जब पौधे 10-15 सेमी ऊंचे हो जाएं, तब मुख्य खेत में रोपाई करें।
खेत की 2-3 बार गहरी जुताई करें। गोबर की खाद या वर्मीकंपोस्ट मिलाएं। टमाटर के पौधों की लाइन से लाइन दूरी 60-75 सेमी और पौधों की दूरी 30-45 सेमी रखें। गर्मियों में 5-7 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। सर्दियों में 10-12 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। ड्रिप सिंचाई प्रणाली अपनाने से जल की बचत होती है। टमाटर की तुड़ाई पकने की अवस्था के अनुसार करें। हाइब्रिड किस्मों से 50-60 टन प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन संभव है।
टमाटर से कमाई
टमाटर की मांग सालभर बनी रहती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है। प्रोसेसिंग उद्योगों और सॉस, केचप, प्यूरी में भी इसकी अच्छी मांग है। टमाटर की खेती से प्रति हेक्टेयर में 2.5 से 3 लाख रुपये तक लागत आ जाती है, और लगभग 7-8 लाख रुपये तक की कमाई की जा सकती है।
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