मछलियां अगर स्वस्थ रहेंगी, मृत्यु दर कम हो जाएगी, उनका वजन बढ़ेगा तो मछली पालकों को अधिक मुनाफा होगा। तो चलिए आपको बताते हैं की मछली पालन में किस फल के पत्ते काम आ रहे हैं-
मछली पालन
मछली पालन कमाई का एक अच्छा विकल्प है। जिन किसानों के पास बढ़िया जमीन नहीं है, खेती करने के लिए वह तालाब को खोदकर मछली पालन कर लेते हैं। तालाब खोदने के लिए सरकार भी सब्सिडी दे रही है। जिससे उनकी आर्थिक मदद हो जाती है। मछली पालन में मुनाफा तभी है जब मछलियां स्वस्थ रहें, उनका वजन अच्छा रहे, जिसके लिए मछलियों का ध्यान रखना पड़ता है। अगर पानी गंदा हो जाता है तो मछलियां मरने लगती हैं। जिससे किसानों को नुकसान हो जाता है। पानी गंदा होने से ऑक्सीजन पानी में कम होने लगता है।
ऑक्सीजन की कमी से मछलिया सांस नहीं ले पाती है और वह मर जाती हैं तो चलिए आपको एक किसान का गजब जुगाड़ बताते हैं। जिससे वह पानी में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ा लेते हैं। जिससे मछलियां मरती नहीं है और उनका वजन भी बढ़ जाता है।
इस फल के पत्ते से बढ़ रहा पानी में ऑक्सीजन
दरअसल मछली पालक ने कृषि विज्ञान केंद्र में संपर्क किया और मछलियों के मरने की समस्या को बताया। इसके बाद कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने उनकी मदद की। उन्होंने बताया कि केले के पत्ते अगर पानी में डाले जाए तो पानी में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है। इससे मछलियां स्वस्थ भी रहती हैं। ऑक्सीजन की कमी न होने से वह मरती भी नहीं है। लेकिन यहां पर केले के पत्ते को डालने का भी एक तरीका है तो चलिए जानते हैं पानी में केले के पत्ते कैसे डालने हैं।
सुखा कर पानी में पत्ता डालना है
केले के पत्ते पानी में डाल रहे हैं तो उसे पहले धूप में सुखा लीजिये। हरे पत्ते पानी में डालने से पानी और ज्यादा गंदा हो जाता है। जिससे ऑक्सीजन स्तर गिरेगा और मछलियां खत्म हो सकती हैं। इसलिए केले के पत्तों को पहले धूप में सुखाएं उसके बाद पानी में डालें। तालाब के पानी में सूखे केले के पत्ते डालने से पानी में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ने लगता है। जिससे मछली पालकों को फायदा होता है।