चिड़िया ने मचा रखा है आतंक, फसल कर रही बर्बाद? तो यह रही एंटी बर्ड नेट योजना, 50% मिल रहा अनुदान, चिड़िया फसल तक नहीं पहुंच पाएगी

किसान भाई अगर खेत में चिड़िया-पंछी आ रहे हैं तो चलिए आपको एंटी बर्ड नेट योजना के बारे में बताते हैं, जिससे प्लास्टिक टनल लगाने के लिए सरकार से अनुदान मिलेगा-

खेतों में चिड़िया का आतंक

खेती में किसानों के सामने कई तरह की चुनौती खड़ी होती है। जिनमें से एक है चिड़िया, पंछी द्वारा फसल को खराब करना। जिससे किसान को उत्पादन कम मिलता है, जो भी उपज होती है उसकी कीमत कम मिलती है, ऐसे में किसानों को दिन-रात खेत में तकवारी करनी पड़ती है। अगर किसान अकेला है तो खेत के एक हिस्से को तो बचा लेगा लेकिन दूसरे हिस्से में चिड़िया खा जाती है। रात-दिन किसान खेत की तकवारी नहीं कर पाते हैं।

इसलिए सरकार भी किसानों की इस समस्या को समझ रही है, और उनके लिए एंटी बर्ड नेट योजना चला रही है चलिए इस योजना के बारे में बताते हैं।

एंटी बर्ड नेट योजना

एंटी बर्ड नेट योजना के तहत प्लास्टिक टनल लगाने के लिए 50% सब्सिडी दी जाती है। किसान अगर खेत में जाल लगा देंगे तो चिड़िया फसल तक नहीं पहुंच पाएगी। जिसमें ज्यादा से ज्यादा 5000 वर्ग मीटर क्षेत्र में किसान प्लास्टिक टनल लगाकर लाभ ले सकते हैं और सिर्फ आधा खर्चा किसान को करना पड़ेगा, आधा खर्च राज्य सरकार उठाती है।

पात्रता

एंटी बर्ड नेट योजना राजस्थान राज्य सरकार की योजना है तो इसका लाभ भी प्रदेश के किसानों को मिलेगा। वह किसान जिनके पास अपनी खुद की जमीन है, वह खेती करते हैं। जैसे कि उनके पास अपना बगीचा है तो वह लाभ ले सकते हैं। इसके अलावा सिंचाई की सुविधा भी होनी चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज

इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को आवेदन करना होगा। आवेदन करते समय किसान के पास आधार कार्ड, भूमि के कागज, स्वीकृत फॉर्म का कोटेशन होना चाहिए। ताकि पता चले कि आपने जो भी सामग्री इस्तेमाल की है वह मान्यता प्राप्त है। यह सब कागज सही होंगे तभी लाभ मिलेगा।

यह भी पढ़े- गेहूं के पराली से फ्री में बनेगी खाद, यहां से मिलती है मुफ्त की कैप्सूल, पराली पर छिड़क दे, एक हफ्ते में बन जाएगी जैविक खाद

आवेदन के बारे में यहां जानें

इस योजना का फायदा उठाकर अपनी फसल की सुरक्षा कर सकते हैं। चिड़िया-पंछी का आतंक है तो उसे अपनी फसल को बचा सकते हैं। आवेदन करने के लिए राज किसान साथी पोर्टल के वेबसाइट पर जाना होगा। वहां पर रजिस्टर करके आवेदन कर सकते हैं। यहां पर किसानों को आधार सत्यापन करना होगा, और मांगे गए दस्तावेजों को जमा करना होगा। उद्यानिकी विभाग द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद आदेश जारी होगा। फिर आप कार्य शुरू कर सकते हैं।

कार्य जैसे ही पूरा होता है समिति द्वारा सत्यापन होगा और फिर सब्सिडी की राशि किसान के खाते में भेजी जाती है। किसान चाहे तो निर्माता कंपनी को भी यह राशि भेज सकता है। किसानों के पास हर तरह की सुविधा है इस योजना का फायदा लेने के लिए है।

यह भी पढ़े- खेत की सिंचाई के लिए होगा पानी-ही-पानी, फ्री में बोरिंग करा सकते हैं किसान, नहीं लगेगा ₹1, लाभ सामान्य सहित अन्य वर्ग के किसानो को भी मिलेगा

नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

Leave a Comment