चिलचिलाती धूप में भी किसान करेंगे छांव में खेती, 70% तक सब्सिडी दे रही सरकार, शेडनेट हाउस से किसान करेंगे बंपर कमाई

किसान शेडनेट हाउस में खेती करके धूप, ओलावृष्टि, कोहरा-पाला, आंधी-तूफान से अपनी फसल को बचा सकते हैं। जिसमें राज्य सरकार किसानों की आर्थिक मदद कर रही है। चलिए जानते हैं योजना और आवेदन की प्रक्रिया।

शेडनेट हाउस में खेती

किसान बड़ी मेहनत से फसल तैयार करते हैं लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण फसल मिनटों में बर्बाद हो जाती है। इसके अलावा गर्मियों में तेज धूप होती है। जिसके कारण किसान खेती नहीं कर पाते हैं। फसल जल जाती है। ऐसे में जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या है वहां और भी गर्मियों में वह खेती नहीं कर पाते हैं। सर्दियों में भी पाला-कोहरा का फसल पर असर पड़ता है। बरसात में लगातार बारिश होने पर भी फसल को नुकसान होता है। इस तरह किसान को मौसम की वजह से बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अगर किसान संरक्षित खेती करते हैं तो मौसम की मार से अपनी फसल को बचा सकते हैं।

संरक्षित खेती का मतलब होता है ग्रीन हाउस, पाली हाउस या फिर से शेडनेट हाउस में खेती करना। इससे फसल को किसान अपने अनुसार लगा सकते हैं। किसान तापमान, नमी या प्रकाश पर नियंत्रण रख पाते हैं। इसमें जालीनुमा एक संरचना बनाई जाती है और उसके भीतर फसलों की खेती की जाती है। इसमें सूरज की रोशनी के साथ-साथ हवा और नमी भी पौधों की जरूरत के अनुसार ही मिलती है। यहां पर फसल बिल्कुल सुरक्षित रहती है, कीटो का कोई खतरा नहीं होता है, प्राकृतिक जोखिम से भी फसल बची रहती है।

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शेडनेट हाउस निर्माण पर सब्सिडी

राजस्थान राज्य सरकार द्वारा किसानों को ग्रीन हाउस निर्माण के लिए सब्सिडी जा रही है। क्योंकि राजस्थान में गर्मी अधिक होती है, धूप ज्यादा होती है, और फसलों में इस कारण तापमान का प्रभाव अधिक पड़ता है। ऐसे में किसान अगर शेडनेट हाउस के भीतर खेती करेंगे तो फसल धूप से बची रहेगी। साथ ही अन्य प्राकृतिक आपदाओं का भी फसल पर असर नहीं होगा और अगर ड्रिप सिस्टम अपना लेंगे तो पानी भी कम लगेगा। जिसमें राजस्थान राज्य सरकार द्वारा ग्रीन हाउस निर्माण पर सब्सिडी के तहत सामान्य वर्ग के किसानों को 50% अनुदान और अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 70% अनुदान मिल रहा है।

लेकिन यहां पर अधिसूचित जनजाति क्षेत्र, लघु एवं सीमांत किसानों को 25% अधिक अनुदान मिलेगा। जिससे उन्हें और ज्यादा आर्थिक मदद हो जाएगी। आपको बता दे कि किसान 4000 वर्ग मीटर क्षेत्र तक इस योजना का फायदा ले सकते हैं। इकाई लागत का आधे से भी ज्यादा खर्च सरकार उठा रही है।

आवेदन कहां करें

अगर आप राजस्थान के किसान है तो इस योजना का लाभ लेने के लिए ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा कृषि विभाग के आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए किसान के पास खेती करने लायक जमीन और सिंचाई की सुविधा होनी चाहिए। यहां पर कुछ दस्तावेज भी लगेंगे। जैसे की किसान का आधार कार्ड, करीब 6 महीने के अंदर की जमाबंदी नकल, सिंचाई के स्रोत का प्रमाण पत्र, एसटी-एससी किसान है तो जाति प्रमाण पत्र, अनुमोदित फॉर्म का कोटेशन मिट्टी और पानी की जांच रिपोर्ट भी जमा कर नहीं होगी।

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