सोयाबीन की ये 3 किस्मे है ख़ास, नहीं लगेगा कोई रोग, मिलेगी तगड़ी पैदावार, जानिये नाम, खासियत और उत्पादन क्षमता। जिससे किसान होंगे मालामाल।
सोयाबीन खेती
सोयाबीन की खेती में ज्यादा मुनाफा होता है। लेकिन इसके लिए किसानों को बढ़िया वैरायटी लगानी चाहिए। इसलिए आज हम कुछ उन्नत किस्म की जानकारी लेंगे। जिससे किसान कम समय में ज्यादा कमाई कर सके। क्योंकि इस बार सोयाबीन के किसानों को मौसम विभाग से हरी झंडी मिलती नजर आ रही है। उनका मानना है कि सोयाबीन की खेती के लिए इस साल मौसम बढ़िया रहेगा तो किसान आरवीएस किस्म के बीज लगा सकते हैं। इससे उन्हें ज्यादा फायदा होगा।
इसीलिए यहां पर हम सोयाबीन की टॉप 3 आरवीएस किस्म की जानकारी लेंगे। तो चलिए जानते हैं यह कौन सी किस्म है और इसे कितनी उपज मिलेगी, कितने समय में यह तैयार होती है और इन्हें लगाने से किसानों को क्या-क्या फायदा होगा।
सोयाबीन की ये 3 किस्मे है ख़ास
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जाने सोयाबीन की तीन किस्म।
- यहां पर हम सबसे पहले सोयाबीन की आरवीएसएम 2011-10 किस्म वैरायटी की बात कर लेते हैं। इससे किसानों को बढ़िया उपज मिलेगी। साथ ही साथ आपको बता दे की इनके जर्मिनेशन का प्रतिशत 90 से 95 है। इसे जल्दी कोई बीमारी नहीं पकड़ती है। यानी की कीटनाशक दवाइयां का पैसा भी बचेगा। आपको बता दें कि इसके बारे में कहा जाता है कि एरियल ब्लाइट, येलो मोजैक वायरस, चारकोल रोट, फ्रॉग आय लीफ स्पॉट के साथ-साथ माइरोथियम पत्ती धब्बा आदि बीमारियां नहीं लगती है। सोयाबीन की इस वैरायटी को तैयार होने में 90 से लेकर 100 दिन का समय लग जाता है। इसकी खेती में किसानों को फायदा है कि इसकी फलिया चटकने की संभावना कम होती है। यानी की दाना नहीं गिरेगा। अगर एक एकड़ में किसान इसकी खेती करते हैं तो उन्हें 10 से 12 कुंटल का उत्पादन मिलेगा। इस तरह किसानों के लिए यह भी एक बढ़िया किस्म है। इसके बारे में वह विस्तार से जानकारी ले सकते हैं। चलिए दो अन्य किस्म के बारे में जानते हैं।
- सोयाबीन की दूसरी किस्म की बात करें तो यहां पर आर.वी.एस. 2001-4 बताई गई है। यह एक नई किस्म है। जिन किसानों को नई किस्म की तलाश है वह इसके बारे में जान सकते हैं। इस सोयाबीन के किस्म में 21% तेल होता है, और प्रोटीन की मात्रा इसमें 42% तक रहती है। यही वजह है कि यह किसानों की कमाई ज्यादा करवाती है। इसे तैयार होने में लगभग 90 से 95 दिन का समय लगता है। इसकी खेती करने पर किसानों को 26 से लेकर 30 कुंटल तक का उत्पादन मिल जाता है।
- आज की आखिरी सोयाबीन की जो वैरायटी है उसका नाम है सोयाबीन आर.वी.एस.एम. 11-35 यह भी बढ़िया किस्म है। यह भी कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया है और यह कई राज्यों में लगाई जाती है। सोयाबीन की यह उन्नत किस्म है। इसको भी कई बीमारियों से कोई प्रभाव नहीं पड़ता और इसे लगाने वाले समय की बात करें तो 90 से 95 दिन में यह तैयार हो जाती है। इसकी उत्पादन क्षमता प्रति हेक्टेयर 25 से 30 क्विंटल है। लेकिन अगर किसान मेहनत और समय पर बुवाई सिंचाई कटाई करते हैं, तो 35 क्विंटल तक भी उत्पादन मिल सकता है। इस तरह यहां पर आपको तीन सोयाबीन की किस्म बताई गई है। इनके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करके खेती कर सकते हैं।