चमत्कारी विधि से करें धान की रोपाई, कम पानी, कम बीच में होगी ज्यादा पैदावार, मौसम की मार भी झेल जाएगी फसल, जानिए कौन-सी है कमाल विधि।
धान की खेती
देश के वह किसान जो अभी भी पारंपरिक खेती करते आ रहे हैं वह धान की खेती में लगे हुए हैं। इसीलिए आज हम धान की रोपाई की एक कमाल की विधि जानने वाले हैं। जो की कृषि विभाग के अधिकारी द्वारा बताई गई है। यह एक ऐसी विधि है जिससे किसान कम निवेश में ज्यादा कमाई कर सकते हैं। क्योंकि पानी, बीज का खर्चा कम आएगा। साथ ही अगर आंधी तूफान जैसे कोई मौसम की मार आती है तो यह फसल झेल जाएगी। क्योंकि फसल बिल्कुल मजबूत रहेगी। तो चलिए जानते हैं वह कौन सी विधि है।
धान रोपने की संडा विधि
जिस चमत्कारी कारगर विधि की हम बात कर रहे है वह संडा विधि हैं। संडा विधि से धान की रोपाई करने में किसानों को मुनाफा ही मुनाफा है। यह कोई नई तकनीक नहीं है। वर्षों से किसान इस तकनीक से बुवाई करते आ रहे हैं। इस विधि के अंतर्गत किसान डबल ट्रांसप्लांट करते हैं। इसके बारे में आपको आगे विस्तार से बताया गया है। आपको बता दे कि इस विधि से रोपाई करने पर अगर किसी तरह से मौसम खराब होता है, जैसे ज्यादा पानी गिर गया या आधी तूफान आया तो भी फसले मजबूती के साथ खड़ी रहेगी।
इसलिए वह किसान जिनके क्षेत्र में सूखा, बाढ़, तूफान आदि की समस्या आती है वह इस विधि से धान की खेती कर सकते हैं। इसमें पानी भी कम लगता है और कीटनाशक का इस्तेमाल भी कम करना पड़ेगा। यानी की बचत ही बचत है। तो चलिए जानते हैं इस विधि से कैसे बुवाई होती है।
संडा विधि से रोपाई कैसे करते है
संडा विधि एक रोपाई की खास तकनीक है। जो की पुरानी तकनीक है। इससे रोपाई करते समय डबल ट्रांसप्लांट किया जाता है। तो सबसे पहले तो जब बोवाई करते हैं तो उसमें 8*8 सेंटीमीटर की दूरी पर तकरीबन 8 से लेकर 10 पौधे एक ही स्थान पर रोपे जाते हैं। फिर जब दूसरी बार रोपाई होती है तो एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच की दूरी 15 * 15 रखी जाती है। इस तरह से रोपाई करने पर किसानों को बेहद फायदा हो रहा है, और कई वर्षों से किसान इस विधि को अपनाते आ रहे हैं।