अक्टूबर में ये 2 फसल लगाएं, एक एकड़ से 3 से 4 लाख कमाएं, नए किसानों के लिए है मुनाफे का सौदा।
एक एकड़ से 3 से 4 लाख कमाना है ?
अगर आप अक्टूबर में खेती करके कमाई करना चाहते हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसी फसलों की खेती के बारें में बताने जा रहे हैं जिन्हें आप अक्टूबर में लगा सकते हैं। दरअसल यहां पर दो हरी सब्जियों की जानकारी दी गई है। जिन्हें कम समय में लगाकर मालामाल हो सकते हैं, और यह सब्जियां कोई भी नया किसान उगा सकता है। उसे किसी तरह की समस्या नहीं आएगी। अक्टूबर में कई प्रकार की सब्जियां उगाई जा सकती है, और उनसे कमाई भी की जा सकती है। लेकिन आज हम यहां पर मुख्य तौर पर उन दो सब्जियों के नाम जानने जा रहे हैं जिन्हें कोई भी किसान आसानी से आकार कमाई कर सकता है।
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अक्टूबर में ये 2 फसल लगाएं
नीचे लिखा दो बिंदुओं के अनुसार दो सब्जियों के नाम और उनसे कमाई कैसे होगी यह जानेंगे।
- सबसे पहले यहां पर हम चप्पन टिंडा की बात करेंगे। दरअसल यह एक कद्दू है। जिसकी बुवाई आप अक्टूबर में कर सकते हैं। अक्टूबर में आपके पास पूरे महीने समय है। आप कभी भी इसकी खेती करके कमाई कर सकते हैं। इसकी खेती में खर्च कम आएगा। लेकिन आपको अगर बढ़िया उपज चाहिए तो खेत तैयार करते समय बढ़िया गोबर की जैविक खाद डालकर जुताई कीजिए। उसके बाद बेड बनाकर बुवाई कीजिए। आपको बता दे कि बीते वर्ष जिन किसानों ने चप्पन टिंडे की खेती की है उन्हें बहुत अच्छा इसमें फायदा हुआ है। अगर 20 से 30 रुपए किलो भी इस साल चप्पन टिंडा की कीमत मिलती है तो एक एकड़ में इसकी खेती करके लगभग तीन से लेकर 4 लाख तक की कमाई की जा सकती है। यानी कि आपके पास सुनहरा मौका है अक्टूबर में इसकी खेती करके मालामाल होने का।
- अब दूसरी सब्जी है हरी मटर। अगर अभी हरी मटर लगाते हैं तो बढ़िया कमाई होगी। जिसमें अगेती मटर लगाना है। यह मटर बता दे की सितंबर और अक्टूबर के महीने में लगाई जा सकती है। अभी समय है अक्टूबर में भी लगा सकते हैं। इसमें सिर्फ एक चीज का ध्यान रखना है कि कोई बीमारी ना लगे। इसके लिए बढ़िया से खेत तैयार करना है। खेत में बढ़िया खाद डालना है। इसके साथ ही बीजों का उपचार भी करना है। बीज उपचार चप्पन टिंडा में भी करना है। खेत तैयार करते समय ध्यान रखना है कि मिट्टी उपजाऊ रहे। जिसके लिए सारे प्रयास करने चाहिए। इसके अलावा खाद का बेसल डोज भी देना चाहिए। इससे जमीन और ज्यादा उपजाऊ होगी। इस तरह आपकी जमीन जितनी ज्यादा बढ़िया रहेगी उतनी अच्छी पैदावार मिलेगी और कम समय में बढ़िया उत्पादन मिलेगा।