खेत बन जाएगा अब ATM मशीन, इस फसल की खेती से बन जाएंगे मालामाल कम खर्चे में पैसा ही पैसा, जाने फसल का नाम।
खेत बन जाएगा अब ATM मशीन
इस फसल की खेती बहुत ज्यादा लाभकारी साबित होती है इस फसल की खेती से बहुत ज्यादा तगड़ा मुनाफा देखने को मिलता है। इससे कई चीजें बनाई जाती है जो बाजार में बहुत ज्यादा मात्रा में बिकती है। इस फसल की खेती सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल, असम, उड़ीसा, बिहार, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और मेघालय में होती है। हम बात कर रहे है जूट की खेती की जूट का दूसरा नाम सुनहरा रेशा है क्योकि इसका रंग सुनहरा होता है। तो चलिए जानते है जूट की खेती कैसे की जाती है।
जूट की खेती कैसे करें
अगर आप जूट की खेती करना चाहते है तो आपको इसकी खेती के बारे में जानकारी होनी चाहिए। जूट की खेती के लिए जलोढ़ बलुई दोमट, चिकनी दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। जूट की बुआई मार्च से मई महीने के बीच में की जाती है। तीन महीने बाद इसका रेशा पककर कटाई के लायक हो जाता है। इसके बाद गहरे पानी में चार से पांच दिनों तक इसे सड़ाकर पाट का रेशा निकाला जाता है। जूट की खेती एक एकड़ में करने के लिए 18 से 19 हज़ार रूपए की लागत आती है। जूट भारत में उगाई जाने वाली प्राकृतिक रेशे वाली फसलों में से एक है।
कितना होगा मुनाफा
जूट की खेती से बहुत अच्छा मुनाफा देखने को मिलता है अगर आप जूट की खेती एक एकड़ में करते है तो करीब 10 क्विंटल तक पाट का उत्पादन होता है। बाजार में जूट को बेच कर आप 70 से 80 हजार रूपए प्रति क्विंटल कमा सकते है। जूट के रेशे से बोरे, कालीन, दरियाँ, परदे, घरों की सजावट के सामान, अस्तर और रस्सियाँ बनती है। जो बाजार में बहुत ज्यादा बिकती है इसकी खेती बहुत ज्यादा मुनाफे की साबित होती है।