खेत में अक्सर नीलगाय और जंगली सुअर घुस जाते है और खेत में लगी फसल को खा कर नष्ट कर देते है तो चलिए जानते है खेत में लगी फसलों को जंगली जानवरों से कैसे बचाया जा सकता है।
खेतों में नीलगाय की होगी NO ENTRY
आज हम आपको एक ऐसी फसल के बारे में बता रहे है जिसके पौधों को आप खेत की बॉउंड्री में लगा कर दो फायदे उठा सकते है एक ये की आप इसको खेत के किनारे लगा कर जबरदस्त कमाई कर सकते है और दूसरा इसको खेत के किनारे लगाने से खेत के अंदर नीलगाय और जंगली सुअर नहीं आ पाएंगे जिससे आपके खेत में लगी फसल जानवरों से एकदम सुरक्षित रहेगी। तो चलिए जानते है कौन से पौधे है।

खेत की बॉउंड्री में लगाएं ये फसल
खेत की बॉउंड्री में लगाने के लिए हम आपको चिकोरी के पौधों के बारे में बता रहे है चकोरी एक ऐसी फसल है जिसकी जड़ें मूली जैसी दिखती हैं। इसकी जड़ों का उपयोग कैफीन मुक्त इंस्टेंट कॉफी पाउडर बनाने में किया जाता है इसके पौधों को खेत की बॉउंड्री में लगाने से खेत के अंदर नीलगाय और जंगली सुअर नहीं आते है क्योकि इसकी फसल को जानवरों का खरता नहीं रहता है इसको खेत के किनारे लगा न केवल जानवरों को खेत से दूर रख सकते है बल्कि इसकी फसल से जबरदस्त कमाई भी कर सकते है चिकोरी की डिमांड बाजार में खूब होती है।
चिकोरी की पैदावार
चिकोरी जिसे कुछ लोग कासनी के नाम से भी जानते है रोपाई के बाद चिकोरी की फसल लगभग 120 दिनों में तैयार होती है। ये कंदों के रूप में प्रति हेक्टेयर 20-25 टन और बीजों के रूप में 5-7 क्विंटल पैदावार देती है। आप इसकी खेती से लाखों रूपए का मुनाफा कमा सकते है। क्योकि चिकोरी की मांग बाजार में खूब होती है। चिकोरी की खेती बहुत लाभकारी साबित होती है।