धान के खेत में खरपतवार का सफाया करना चाहते हैं तो चलिए आपको बताते हैं कौन सी दवाई डालने से खरपतवार दोबारा नहीं उगेगी-
धान के खेत में खरपतवार से नुकसान
धान हो या कोई भी फसल अगर खरपतवार है तो बहुत ज्यादा नुकसान होता है, और खरपतवार निकालने में बहुत ज्यादा समय और खर्चा भी आता है। लेकिन अगर किसान सही समय पर सही उपाय करते तो खरपतवार का सफाया किया जा सकता है। जिसमें यहां पर आपको एक दवाई बताने जा रहे हैं जिसे धान की रोपाई से पहले ही खेत की मिट्टी में मिला देंगे तो जो खरपतवार है वह खत्म हो जाएगी और दोबारा से वह नहीं उगेगी।
खरपतवार अगर किसान भाई ने नहीं हटाया जाता है तो उत्पादन घट जाता है, विभिन्न प्रकार की रोग बीमारियां फैलती है, कीटों की समस्या भी बढ़ती है, साथ ही किसान जो भी खाद पानी देते हैं वह सब खरपतवार भी ग्रहण करने लगती है। जिससे वह फसल से हिस्सेदारी कर लेती है। फसल के विकास में भी खरपतवार के कारण रुकावट आती है।
खरपतवार हटाने के लिए शाकनाशी
खरपतवार हटाने के लिए दवाई की तलाश में है, तो किसान भाई ग्लाईफोसेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एक खरपतवार नाशक है, इसका छिड़काव रोपाई से पहले कर सकते हैं। जिसमें मात्रा की बात करें तो 200 एमएल ग्लाईफोसेट दवा को 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़का जाता है। इससे खरपतवार नष्ट हो जाती है और दोबारा जल्दी नहीं उगती है। लेकिन इसका इस्तेमाल करते समय किसान को ध्यान रखना चाहिए कोई भी फसल पर या ना पड़े नहीं तो फसल भी सूख जाएगी।
बता दे कि ग्लाइफोसेट का इस्तेमाल फसलों, बगीचों और गैर-कृषि क्षेत्रों में खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। यह एक प्रभावशाली दवा है।
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