इसबगोल की खेती से एक एकड़ से 60 हजार रु कमाएं, जानिये कैसे करें इसबगोल की खेती, कितना आएगा खर्चा।
इसबगोल की खेती
किसान भाइयों अगर आप किसी ऐसी फसल की तलाश में जिसमें खर्चा कम आए लेकिन मुनाफा ज्यादा हो तो इसबगोल की खेती कर सकते हैं। यह एक औषधीय फसल है। जिसकी खेती जो किसान अभी कर रहे हैं उन्हें अच्छा खासा मुनाफा होता है। इसे बेचने में कोई दिक्कत नहीं आती। बड़े आसानी से बिक जाता है। बहुत कम किसान लोग अभी इसकी खेती कर रहे हैं। इसकी खेती करना आसान है। 4 महीने की यह फसल होती है। जिसमें खर्चा कम आता है। मुनाफा ज्यादा होता है।
इसे ज्यादा पानी की से आवश्यकता नहीं होती। सर्दियों की यह खेती है। अक्टूबर नवंबर में इसकी खेती कर सकते हैं। इसी लिए दो बार सिंचाई में पूरी फसल तैयार हो जाती है। ज्यादा निराई गुड़ाई की आवश्यकता नहीं होती। एक से दो बार आप इसकी निराई गुड़ाई कर सकते हैं। काली, भूरी, लाल सभी प्रकार की मिट्टी में इसकी खेती कर सकते हैं। चलिए अब जानें एक एकड़ के हिसाब से समझते हैं कि इसकी खेती में कितना खर्चा आएगा।
इसबगोल की खेती में खर्चा
इसबगोल की खेती में लागत कम आती है, कमाई ज्यादा होती है। जिसमें लागत की बात करें तो खेत तैयार करने में, बीजों में, सिंचाई में, निराई गुड़ाई में, कटाई में, और फिर फसल से बीज निकालने में खर्च आता है। जिसमें एक एकड़ के हिसाब से अगर समझे तो 8 से 10 किलो इसमें बीज लगता है। बीज डेढ़ सौ रुपए किलो के हिसाब से मिलता है। ₹1500 इसमें स्प्रे आदि का खर्चा आ जाता है।
वही निराई गुड़ाई में दो बार अगर आप सात- आठ मजदूर लगाते हैं तो कुल मिलाकर ₹3200 इनका निराई गुड़ाई का खर्चा हो जाता है। कटाई और थ्रेसर में भी 7 से 8000 रुपए खर्च होते हैं। यानी की कुल मिलाकर इस खेती में 15 से 18000 रुपए खर्च होते हैं . चलिए कमाई के बारे में भी चर्चा कर लेते हैं।
इसबगोल की खेती में कमाई
इसबगोल की खेती से होने वाली कमाई की बात करें तो 1 एकड़ के हिसाब से आप 60000 तक इसे कमाई कर सकते हैं। क्योंकि 1 एकड़ में करीब 400 किलो उत्पादन मिलता है। 15-16000 रुपए क्विंटल इसबगोल जाता है। इस हिसाब से ₹60000 तक कमाई हो सकती है। लेकिन खर्चा निकाल दिया जाए तो 40 हजार रुपए शुद्ध मुनाफा यहां पर हो रहा है। लेकिन आपके यहां अगर मजदूरी कम है, आपके पास खुद का थ्रेसर मशीन है, ट्रैक्टर आदि है तब यह खेती बहुत ज्यादा सस्ती पड़ जाती है। इसके अलावा अगर आप खुद से बीज तैयार करते हैं तो बीजों का पैसा भी बच जाएगा।