Gramya Ventures: मिलेट्स के किसानों की तक़दीर बदल रही है ग्राम्या वेंचर्स, 2 युवा किसानो के साथ मिलकर कर रहे कमाल

भारत में मोटे अनाज (Millets) को बढ़ावा देने और छोटे किसानों को बाज़ार से जोड़ने के लिए काम कर रही ग्राम्या वेंचर्स की कहानी, 2 युवाओं की संघर्ष और संकल्प से भरी हुई है।

किसानों की आमदनी बढ़ा रहे ये 2 युवा

इन 2 युवाओं का नाम हितेश वराठे और जस्पाल सिंह है। यह दोनों ही किसान परिवारों से आते हैं, और उन्होंने बचपन से ही खेती-किसानी की चुनौतियों को करीब से देखा है। हितेश ने मध्य प्रदेश के अपने गाँव में किसानों को संघर्ष करते देखा, वहीं जस्पाल ने अपने पिता को खेती में कठिनाइयों से जूझते हुए देखा। खेती से जुड़े इन अनुभवों ने दोनों के भीतर किसानों के लिए कुछ करने का जज़्बा पैदा किया।

इनकी पढाई-लिखाई की बात करें तो उच्च शिक्षा के लिए दोनों ने दिल्ली विश्वविद्यालय और IRMA (इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट, आनंद) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा ली है। लेकिन कॉरपोरेट करियर के बजाय, उन्होंने भारतीय किसानों के लिए काम करने का फैसला किया और 2020 में ग्राम्या वेंचर्स (Gramya Ventures) की नींव रखी। उनका मिशन स्पष्ट था- किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक, सही बाज़ार और बेहतर दाम दिलाना, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। उनकी आय में वृद्धि हो सके।

ग्राम्या वेंचर्स का सफर: बीज से बाज़ार तक

मोटा अनाज सेहत के लिए फायदेमंद है। इसकी खेती से किसानों को लाभ है। जिसमें ग्राम्या वेंचर्स (Gramya Ventures) भारत के कोदो, कुटकी, सावा, ज्वार, बाजरा और रागी जैसे मोटे अनाजों पर केंद्रित है और संपूर्ण सप्लाई चेन को बेहतर बनाने का काम कर रहा है। चलिए नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार ग्राम्या वेंचर्स के बारे में जानते है-

  • आपको बता दे कि 3,500 से अधिक किसान ग्राम्या वेंचर्स से जुड़े हैं, और 2030 तक 50,000 किसानों तक पहुँचने का लक्ष्य है।
  • 300 से अधिक B2B ग्राहक है, जिनमें ऑर्गेनिक स्टोर्स, D2C ब्रांड्स, होलसेलर्स और डिस्ट्रिब्यूटर्स शामिल हैं।
  • हर साल कंपनी की 100% ग्रोथ हो रही है।
  • वहीं 2030 तक ₹100 करोड़ का व्यवसाय बनाने का लक्ष्य, जिससे छोटे किसानों को बड़े बाज़ार से जोड़ा जा सके।

ग्राम्या वेंचर्स के D2C ब्रांड से किसानों को होगा सीधा फायदा

ग्राम्या वेंचर्स जल्द ही अपना D2C ब्रांड लॉन्च करने जा रहा है, जो पूरी तरह से किसानों को समर्पित होगा। इस ब्रांड के ज़रिए किसानों द्वारा उगाए गए उत्पाद सीधे ग्राहकों तक पहुँचाए जाएंगे और ब्रांड के मुनाफे में किसानों को सीधी हिस्सेदारी दी जाएगी, जिससे वे सिर्फ उत्पादक नहीं, बल्कि व्यवसाय के भागीदार भी बनेंगे।

यह ब्रांड विशेष रूप से स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों और उन उपभोक्ताओं को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है, जो गलत खान-पान से होने वाली बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसमें संपूर्ण रूप से शुद्ध, जैविक और केमिकल-रहित उत्पाद उपलब्ध कराए जाएंगे। जिनकी कीमत भी किसानों को अच्छी मिलेगी।

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मोटे अनाज आपकी सेहत के साथ पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद

मोटे अनाज न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, बल्कि जमीन की उर्वरता बनाए रखने और जल संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कम पानी में उपजने वाले ये अनाज पर्यावरण के लिए टिकाऊ विकल्प हैं और बदलते जलवायु परिदृश्य में खाद्य सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं।

ग्राम्या के संस्थापक हितेश वराठे कहते हैं, “हमारा उद्देश्य सिर्फ व्यापार करना नहीं है, बल्कि छोटे किसानों को सशक्त बनाकर भारतीय कृषि को एक नई दिशा देना है।”

ग्राम्या के संस्थापक जस्पाल सिंह का कहना है “जब किसान आगे बढ़ेंगे, तब ही देश आगे बढ़ेगा। हमारा प्रयास है कि किसान, उपभोक्ता और पर्यावरण तीनों का संतुलित विकास हो। इससे न सिर्फ़ स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।”

ग्राम्या वेंचर्स इस मिशन के साथ आगे बढ़ रहा है कि भारत में मिलेट्स को मुख्यधारा में लाया जाए और किसानों को उनका सही हक दिलाया जाए।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

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