इस लेख में आपको एक सफल किसान की कहानी बताने जा रहा है, जिन्हें सरकार से भी यह सम्मान मिला है, और वह अच्छी खासी कमाई भी इसी से कर रहे हैं-
किसान की सफलता की कहानी
नमस्कार किसान भाइयों इस लेख में आज हम किसान की सफलता की कहानी जानने जा रहे हैं। जिसमें आज हम बात कर रहे हैं किसान नानादरो बी. मारक की, जो मेघालय के रहने वाले हैं। आपको बता दे की इन्हें केंद्र सरकार द्वारा 72वें रिपब्लिक डे पर जैविक खेती के लिए पद्मश्री पुरस्कार भी मिल चुका है। जैविक खेती में किसान रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं करते है। बता दे कि इन्होंने साल 2019 में खेती से करीब 19 लाख रुपए की कमाई की थी तो चलिए आपको बताते हैं इन्होंने किस तरीके से शुरुआत की कौन सी फसल का चुनाव किया।
₹10000 में शुरू की खेती
किसान अगर सही फसल का चुनाव करें जो उनके क्षेत्र के अनुसार अच्छा उत्पादन दे सकती है। तथा उनकी मंडी में उसकी अच्छी कीमत अधिक हो तो उन्हें सफलता मिलना तय है। जिसमें किसान मारक जी की बात करें तो वह पश्चिमगारो हिल्स की पहाड़ियों में रहते हैं और 1980 के दशक में उन्होंने खेती की शुरुआत की थी। बताया जाता है कि 5 हेक्टेयर की जमीन ससुराल से मिली थी। जिसमें उन्होंने काली मिर्च उगाई। क्योंकि वहां की जलवायु काली मिर्च की खेती के लिए अनुकूल थी। साथ ही काली मिर्च का इस्तेमाल बहुत होता है।
लेकिन ऐसा नहीं है आज छत्तीसगढ़ में भी काली मिर्च की खेती किसान कर रहे हैं और करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। उन्हें भी सरकार से सम्मान मिल रहा है। जिसमें आज हम बात कर रहे हैं किसान मारक की तो उन्होंने ₹10000 लगाकर 1980 के दशक में खेती की शुरुआत की थी। ₹10000 का उन्होंने 10000 पेड़ लगाया और आज उन पेड़ों की संख्या लगातार बढ़ रही है। काली मिर्च की कीमत की बात करें तो ₹600 किलो जा रही है जिससे किसान को अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है।

कैसे करें काले सोने की खेती
काली मिर्च को काला सोना भी कहा जाता है। काली मिर्च की खेती में किसानों को मुनाफा है। लेकिन किसान को ध्यान रखना चाहिए जहां पर खेती कर रहे हैं वहां का तापमान 20 से 30 डिग्री के बीच होना चाहिए। मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 6.5 के बीच हो तो बेहतर होता है। जिन क्षेत्रों में 125 से 200 सेंटीमीटर तक बारिश होती है वहां किसान भाई काली मिर्च की खेती कर सकते हैं। काली मिर्च की फसल करीब 8 महीने में तैयार हो जाती है। काली मिर्च के बेल को स्पोर्ट दे। जिसके लिए पेड़, खंभा या जाली आदि का इस्तेमाल कर सकते है।
काली मिर्च की बुवाई के समय पौधे से पौधे के बीच की दूरी 8 फिट रखें। काली मिर्च की खेती कुछ जगहों में 23 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच के तापमान में भी हो रही है।
छत्तीसगढ़ की बात कर तो बस्तर में काली मिर्च की खेती किसान कर रहे हैं। वहां की मिट्टी उपजाऊ है और साल का वन है। जिसके कारण तापमान कम होता है और काली मिर्च की बेल को सपोर्ट भी मिलता है।