गिलकी-तोरई में डालें ये खाद, अनगिनत फलेगी बाजार में बेचना पड़ जायेगा, जानिये सब्जी के बेल में कौन-सी खाद डालें। जिससे ढेर सारी सब्जियां खाने को मिले।
गिलकी-तोरई की सब्जी
गिलकी तुरई की सब्जी लगाना बहुत आसान है। आप इसे जमीन पर या गमले में छत पर आसानी से लगा सकते हैं। तो अगर आपने अपने घर में गिलकी का पौधा लगा रखा है और उसमें किसी तरह की भी समस्या आ रही है तो आज हम उन सभी समस्याओं का उपाय जानेंगे। जिससे आपके गिलकी-तरोई, लौकी जैसी सब्जियों में बढ़िया सब्जी फलेगी। जिससे आप खाते-खाते थक जाएंगे।
जी हां क्योंकि कुछ कारण होते हैं जिसकी वजह से गिलकी-तरोई जैसे सब्जियों के पौधों में सब्जी नहीं लगती है। तो चलिए सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर गिलकी-तुरई का पौधा हम लगाते हैं तो किन बातों का हमें ध्यान रखना चाहिए और वह कौन-सी खाद है, जो आप पौधे में डालेंगे तो ढेर सारी गिलकी-तरोई की सब्जी फलेगी।
गिलकी-तोरई लगाएं तो इन बातों का रखे ध्यान
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए गिलकी तुरई का पौधा हम लगाते हैं तो किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- यहां पर सबसे पहले तो हम बता दे कि जब आप पौधा लगा रहे हैं तो मिट्टी में पोषक तत्व की कमी नहीं होनी चाहिए। जिसके लिए आप मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरसों की खली, नीम की खली, गोबर की खाद आदि मिलाकर मिट्टी तैयार करनी चाहिए। उसके बाद पौधा लगाना चाहिए।
- गिलकी का पौधा अगर आपने लगाया है तो उसमें आपको पानी का पूरा ध्यान रखना चाहिए। जैसे-जैसे शाखाएं बढ़ती है तो उन्हें अधिक पानी की आवश्यकता होती है।
- इसके अलावा गिलकी-तरोई और लौकी आदि के पौधे में पोलिनेटर्स का बहुत बड़ी भूमिका रहती है। जिसके लिए अगर आपके बगीचे में पोलिनेटर से यानी कि मधुमक्खी परगण करने के लिए नहीं आ रही है तो आप लिली जैसे फूल के पौधे लगा सकते हैं। ताकि मधुमक्खियां गार्डन में आए।
- साथ ही आपको यह भी देखना है कि कहीं आपके पौधे में सिर्फ मेल फूल तो नहीं आ रहे हैं। इससे भी फल न आने की समस्या खड़ी होती है। चलिए अब जानते हैं बरसात के समय हमें अपने गिलकी के पौधे मैं क्या डालना चाहिए जिससे ज्यादा मात्रा में हमें गिलकी खाने को मिले
गिलकी-तोरई में डालें ये खाद
बरसात में हमें गिलकी के पौधे का पूरा ध्यान रखना चाहिए। पानी की निकासी की व्यवस्था बढ़िया होनी चाहिए और हमें समय-समय पर निराई-गुड़ाई कर देना चाहिए। अनावश्यक घास निकाल देनी है और मिट्टी में आपको हल्दी वाला पानी तीन-चार चम्मच डाल देना चाहिए। उसके बाद गोबर की सड़ी खाद और राख मिट्टी में अच्छे से मिलाकर थोड़ा-सा पानी डाल देना चाहिए। खाद आपको बहुत नहीं देना है।