एलोवेरा का विकास रुका हुआ है, पत्तियां मोटी नहीं हो रही है, तो चलिए आपको बताते हैं एलोवेरा की देखभाल कैसे करनी है और इसके लिए फ्री की खाद भी जानेंगे-
एलोवेरा
एलोवेरा का कई तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। एलोवेरा का सेवन भी किया जाता है, और यह बालों में लगाने के काम भी आता है। चेहरे पर भी इसे लगाते हैं। कई तरीके से यह काम में आता है। इसलिए ज्यादातर लोग अपने घर में एलोवेरा लगाते हैं। एलोवेरा कुछ लोग घर की शोभा बढ़ाने के लिए भी लगाते हैं। एलोवेरा गमले में और जमीन पर भी लगाया जा सकता है।
एलोवेरा की देखभाल
एलोवेरा के पौधे का विकास अगर रुका हुआ है, पत्तियां मोटी नहीं हो रही है, तो कुछ चीजों का ध्यान रखना पड़ेगा। जिससे उसका विकास तेजी से होने लगेगा। पत्तियां मोटी होने लगेंगी। सबसे पहले तो आपको बता दे की एलोवेरा ऐसी जगह पर लगाना चाहिए जहां पर तेज धूप ना आती हो। एलोवेरा को इनडायरेक्ट धूप की जरूरत होती है। बड़े पेड़ों के नीचे रख सकते हैं। जहां हल्की धूप आती हो या सिर्फ सुबह या शाम की धूप आती हो।
इसके अलावा एलोवेरा के मिट्टी में हमेशा नमी बनाकर रखना चाहिए। गमले में लगा है तो भी नमी बना कर रखें। लेकिन ध्यान रखें पानी रुकना नहीं चाहिए। पानी की निकासी की बढ़िया व्यवस्था होनी चाहिए। पानी डालने पर नीचे से निकल जाना चाहिए। इसके अलावा एलोवेरा की वह पत्तियां जो नीचे की रहती हैं। पुरानी हो जाती है तो उन्हें चाकू से काटकर निकाले और मिट्टी के हल्की गुड़ाई करते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि एलोवेरा में कौन सी मुफ्त की और पैसे वाली खाद दे सकते हैं।

एलोवेरा के लिए खाद
एलोवेरा को समय-समय पर खाद देते रहे। जिससे पौधे को पोषण मिले और उसका विकास हो। खाद जैविक खाद दें। क्योंकि एलोवेरा औषधि गुन से भरा हुआ है। इसलिए इसे जैविक खाद देना चाहिए। वर्मी कंपोस्ट खाद दे सकते हैं। अगर मुफ्त में खाद देना चाहते हैं तो रसोई में इस्तेमाल होने वाली चाय पत्ती को पानी में धोकर सुखाकर पीस कर पाउडर बनाकर एक दो चम्मच गमले के आकार के अनुसार 15 दिन में मिला सकते हैं। गर्मी में नाइट्रोजन युक्तियां खाद कम देनी चाहिए। सर्दी बरसात में 15 दिन के अंतराल में दे सकते हैं। गर्मियों में महीने में एक बार दे।