इस जलीय फल की खेती से किसानों की खेती से होगा बंपर मुनाफा। सिंघाड़ा एक जलीय फल है, जिसे मुख्य रूप से तालाबों, झीलों, या स्थिर पानी वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है। यह एक लाभदायक फसल है, जिसकी मांग बाजार में काफी अधिक होती है। सिंघाड़े की खेती किसानो के लिए फायदेमंद है। आइए इसकी खेती के बारे में विस्तार से बताते है।
सिंघाड़े की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
सिंघाड़े की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है। यह फसल मुख्य रूप से ठहरे हुए पानी जैसे तालाब, झील, या नहर में होती है। इस पानी की गहराई 1-2 मीटर होनी चाहिए। इसकी खेती के लिए पानी का pH मान लगभग 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
सिंघाड़े की खेती कैसे करें
सिंघाड़े की बुवाई मार्च-अप्रैल में की जाती है और इसकी कटाई अक्टूबर से दिसंबर के बीच होती है। इसके बीजों को पहले अंकुरित किया जाता है। इसके बाद इन्हें तालाब के किनारों पर रोपा जाता है। पौधे बढ़ने के बाद पूरे तालाब में फैल जाते हैं। सिंघाड़े की फसल के लिए निरंतर जलस्तर बनाए रखना जरूरी है।
गोबर की खाद और जैविक खाद का प्रयोग बेहतर उत्पादन के लिए किया जाता है। खरपतवार को समय-समय पर साफ करना जरूरी है। कीट और रोग कम लगते हैं, लेकिन अगर पत्तियों पर काले धब्बे दिखें तो जैविक कीटनाशक का उपयोग करें। एक हेक्टेयर से लगभग 80-100 क्विंटल सिंघाड़े का उत्पादन हो सकता है।
यह भी पढ़े: सोयाबीन के भाव मुड़े तेजी की तरफ, मंडियों के भाव में हो रहा रोजाना अपडेट, जाने आज कितना चल रहा भाव
सिंघाड़े की डिमांड
सिंघाड़े का उपयोग फल के रूप में, आटा बनाने और औषधीय गुणों के लिए किया जाता है। बाजार में ताजा और सूखे सिंघाड़े दोनों की अच्छी मांग रहती है। इससे कम लागत और ज्यादा मुनाफा मिलता है। इसको पानी वाले क्षेत्रों के लिए सबसे बढ़िया फसल है। यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी उत्पाद माना जाता है।
सिंघाड़े से कमाई
सिंघाड़े की खेती अगर आप करते है तब आपको 1 हेक्टेयर में 100 क्विंटल उत्पादन होता है और बाजार में ₹30-40 प्रति किलो की दर मिलती है, तो कुल आमदनी लगभग 3-4 लाख रुपये हो सकती है। सिंघाड़े की खेती आपके लिए फायदेमंद साबित होती है।
यह भी पढ़े: मार्केट में डिमांड में रहने वाली इस फसल की खेती से मिलेंगे लाखो रूपए, जाने कैसे होगा तगड़ा मुनाफा