गर्मी में कम पानी में खेती करके अधिक कमाई करना चाहते हैं तो चलिए आपको एक ऐसे ही फसल की जानकारी देते हैं जिसकी कीमत प्रति क्विंटल ₹5000 से भी अधिक मिलती है-
मार्च में करें फसल की खेती
मार्च में खेत खाली हो चुका है, और आप कोई दूसरी फसल लगाना चाहते हैं लेकिन गर्मी के डर से सोच रहे हैं कि पानी की कमी हो सकती है तो घबराने की जरूरत नहीं है गर्मी में सूरजमुखी की खेती कर सकते हैं। सूरजमुखी की खेती में कम पानी की जरूरत होती है। वह किसान जिनके खेत आलू या सरसों की खेती के बाद का को खाली हो गया वह सूरजमुखी लगा सकते हैं।
सूरजमुखी के बीजों से करीब 50% का तेल निकलता है। सूरजमुखी की अच्छी कीमत मंडी में किसानों को मिल जाती है, और कम पानी में इस खेती से अच्छा उत्पादन भी मिल जाता है। इसके अलावा जो लोग शहद का व्यवसाय करते हैं, मधुमक्खी पालन करते हैं वह भी सूरजमुखी की खेती कर सकते हैं। इसके फूल मधुमक्खियों को पसंद होता है। चलिए आपको इसकी खेती का तरीका बताते हैं, जिससे अच्छा उत्पादन मिलेगा।
सूरजमुखी की खेती कब करें
किसी भी फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए समय बहुत ज्यादा महत्व रखता है। जिसमें सूरजमुखी की खेती मुख्य तौर पर जायद सीजन में करते हैं। वैसे तो साल में तीन बार खरीफ सीजन, रबी सीजन और जायद में भी एक किसान इसकी खेती करते हैं। लेकिन अच्छा उत्पादन जायद में मिलता है। इसलिए अधिकतर किसान जायद सीजन में सूरजमुखी लगाते हैं। पानी भी कम लगता है तो बढ़िया उत्पादन मिल जाता है।
किसान अगर कम लागत में खेती करना चाहते हैं तो कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं। क्योंकि कई क्षेत्रों में सूरजमुखी की खेती के लिए सरकारी योजनाएं चल रही है। इस तरह किसानों को सरकार भी आर्थिक मदद कर रही है।

सूरजमुखी की वैरायटी
किसी भी फसल से अधिक कमाई करने के लिए किसानों को वैरायटी पर भी ध्यान देना चाहिए कि आपका मंडी में कौन सी वेराइटी की ज्यादा डिमांड है, कौन सी वेराइटी की अधिक कीमत मिलती है, कौन सी वेराइटी लगाने पर ज्यादा उत्पादन मिलता है, आपकी जलवायु के अनुसार कौन सी वेराइटी उचित रहेगी।
जिसमें आपको बता दे की सूरजमुखी की सामान्य किस्म में सूरज और मॉडर्न का नाम आता है। जिसमें मॉडर्न वैरायटी लगाएंगे तो अधिकतम ऊपर 7 से 8 क्विंटल प्रति एकड़ है। वही औसत उपज की बात करें तो 10 से 12 क्विंटल 1 हेक्टेयर में मिलता है। इसके बीजों में तेल निकालने की क्षमता 34 से लेकर 38% तक होती है। इसी तरह सूरज की बात करें तो इसमें भी तेल निकालने की क्षमता 35 से 37% तक रहती है, और उत्पादन अधिकतम 6 क्विंटल एक एकड़ में मिलता है और औसत की बात करें तो 12 से 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर इससे उत्पादक किसानों को मिल जाता है, जो कि मुनाफे का सौदा साबित होता है।
इसके अलावा सूरजमुखी की कुछ हाइब्रिड किस्म भी है। जिनका किसान का चयन कर सकते हैं। जैसे कि केवीएसएच-1,वीएसएफएच-1,एसएच-3322,एमएसएफएच-17 आदि अच्छी वैरायटी है। यह सभी हाइब्रिड किस्म 11 से 12 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन देती है। जिससे किसानों की अच्छी कमाई हो सकती है।
सूरजमुखी की खेती कैसे करें
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार सूरजमुखी की खेती के बारे में जाने-
- सबसे पहले खेत की तैयारी करें, खेत की बढ़िया से जुताई करें। जिसमें पहले मिट्टी पलटने वाले हल से एक बार जोते और दोबारा दो-तीन बार देशी हल से भी जुताई कर सकते हैं। जिससे लागत कम आएगी। किसान सूरजमुखी की बुवाई 15 फरवरी से 25 मार्च तक भी कर सकते हैं।
- सूरजमुखी की खेती कर रहे हैं तो पंक्तियों में करेंगे तो अच्छा उत्पादन होगा। जिसमें दो पंक्तियों के बीच की दूरी 45 सेमी, दो पौधों के बीच की दूरी 15 से 20 सेमी रखें, 4 से 5 सेंटीमीटर की गहराई में बुवाई करें। एक एकड़ में खेती कर रहे हैं तो बीजों की मात्रा दो से 6 किलो लग सकती है। जिसमें सामान्य या संकुल किस्म के बीज लगाएंगे तो 500 किलो लगेगा। अगर शंकर प्रजाति के बीज लगाते हैं तो 2 से 3 किलो 1 एकड़ में बीज लगता है।
- सूरजमुखी की खेती से अच्छा उत्पादन लेने के लिए खाद-पानी का भी ध्यान रखें। खाद की बात करें तो नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश का इस्तेमाल करें। मात्रा किसान खेत की मिट्टी का परीक्षण करके उसके अनुसार कर सकते हैं।
- सिंचाई की बात करें तो पहली सिंचाई 20 से 25 दिन के बीच में की जाती है और दूसरी मिट्टी की जरूरत के अनुसार 15 दिन के अंतराल में भी कर सकते हैं। अगर ज्यादा मिट्टी जल्दी सूख रही है तो 10 दिन पहले भी सिंचाई कर सकते हैं।
- सूरजमुखी की खेती के लिए शुष्क जलवायु अच्छी होती है। उपजाऊ मिट्टी में बढ़िया उत्पादन मिलता है। मिट्टी का पीएच मान 5 से 7 के बीच हो तो बेहतर माना जाता है। सूरजमुखी की खेती के लिए ध्यान रखें जल निकासी वाली मिट्टी का ही चयन करें। सूरजमुखी की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी भी बेहतर होती है।
- जब पौधे में फूल निकलते हैं तो उस समय सिंचाई कम करना चाहिए। नहीं तो फूल गिर सकते हैं। दाना बनाते समय भी इसी बात का ध्यान रखना है, हल्की सिंचाई करनी है। यानी फूल और दाना के समय हल्की सिंचाई करें नहीं तो इससे घाटा हो सकता है। इस तरह किसान कुछ बातों का ध्यान रखे तभी सूरजमुखी के खेती से अच्छी कमाई कर सकते हैं।
सूरजमुखी की कीमत
सूरजमुखी की खेती से किसान गर्मी में अच्छी कमाई कर सकते हैं। क्योंकि कई फसले ऐसी हैं जो गर्मी में नहीं लगा सकते हैं। पानी की कमी हो जाती है। उत्पादन कम मिलता है। लेकिन सूरजमुखी अच्छा विकल्प किसानों के लिए साबित हो सकता है। सूरजमुखी की कीमत की बात करें तो इस समय 1 किलो 52.53 रुपए का चल रहा है और प्रति क्विंटल कीमत 52,253.4 रुपए है औसत। वहीं न्यूनतम मंडी कीमत की बात करें तो 4515 रुपए क्विंटल है।
किसान को अपनी मंडी में कीमत पता करनी चाहिए। उस हिसाब से उन्हें खेती करनी चाहिए। एक एकड़ में किसानों को औसत पैदावार 7.5 क्विंटल प्रति मिलता है तो इस हिसाब से किसान सूरजमुखी की खेती से होने वाली कमाई का अनुमान लगा सकते हैं, और अन्य फसलों की फसलों से तुलना कर सकते है।