गेहूं की बुआई में हो गई है देर तो 30 दिसंबर के बाद बिलकुल भी न करें गेहूं की बुआई। अब करें इस फसल की खेती क्योकि ये फसल गेहूं से बेहद कम दिनों में और किसी भी मिट्टी तरह की मिट्टी में आसानी से तैयार हो जाती है और बंपर पैदावार देती है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है कौन सी फसल की खेती है।
30 दिसंबर के बाद न करें गेहूं की बुआई
गेहूं की बुआई का सही समय अक्टूबर के आखिरी हफ़्ते से लेकर नवंबर के तीसरे हफ़्ते तक होता है। इस समय बुआई करने से गेहूं की फसल अच्छी होती है लेकिन कुछ किसान गेहूं की बुआई करने में बहुत लेट हो चुके है। अगर अब गेहूं की बुआई करेंगे तो उत्पादन भी अच्छा नहीं होगा और खेती में भी कई समस्या आएगी। इसलिए जो किसान गेहूं की बुआई नहीं कर पाएं है तो अब गेहूं की जगह इस फसल की खेती कर सकते है। इस फल की खेती बेहद कम दिनों में पूरी हो जाती है और इसके बाद भी आप दूसरी फसल की बुआई कर सकते है। इस फसल की खेती में ज्यादा लागत भी नहीं आती है और आसानी से हर तरह की मिट्टी में बंपर उत्पादन देती है। हम बात कर रहे है राजमा की खेती की तो चलिए जानते है राजमा की खेती कैसे की जाती है।
राजमा की खेती
राजमा की खेती बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होती है राजमा की खेती हर तरह की मिट्टी में आसानी से की जा सकती है लेकिन इसकी खेती के लिए दोमट या हल्की दोमट मिट्टी अच्छी होती है। राजमा की खेती के लिए 10 से 27 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान की ज़रूरत होती है। इसके पौधे बीज के माध्यम से लगाए जाते है इसके बीज आपको बाजार में बीज भंडार की दुकान में आसानी से मिल जाएंगे। राजमा की बुआई के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30-40 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। राजमा की खेती में गोबर की खाद के साथ फ़ॉस्फ़ोरस, पोटाश का भी उपयोग करना चाहिए। बुआई के बाद राजमा की खेती करीब 90 से 120 दिनों में पूरी हो जाती है।
कितनी होगी कमाई
राजमा की खेती से बहुत ज्यादा जबरदस्त कमाई देखने को मिलती है। क्योकि राजमा की डिमांड बाजार में बहुत अधिक मात्रा में होती है। लोग राजमा खाना बहुत पसंद करते है। एक एकड़ में राजमा की खेती करने से करीब 30 क्विंटल तक पैदावार मिलती है। एक एकड़ में आप इसकी खेती से करीब 2.5 से 3 लाख रूपए की कमाई कर सकते है। राजमा की खेती किसानों के लिए बहुत लाभकारी साबित होती है।