गाय के गोबर की डिमांड बढ़ती जा रही है। अपने देश के साथ-साथ अन्य दूसरे देश के लोग ऑर्डर देकर गाय का गोबर मंगा रहे हैं। चलिए जानते हैं इसका कारण-
गाय का गोबर
गाय के गोबर से कई प्रकार के उत्पाद बनाए जाते हैं और उनसे अच्छी खासी कमाई की जाती है। गाय से सिर्फ दूध ही नहीं मिलता बल्कि उसके गोबर और गोमूत्र का भी इस्तेमाल किया जाता है। गाय पालन में बहुत ज्यादा मुनाफा है। गाय के गोबर से कई तरह की चीज बनाई जाती हैं। जिनकी हम समय-समय पर जानकारी देते रहते हैं। जिससे लोग घर बैठे कमाई कर लेते हैं। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं अंतरराष्ट्रीय बाजार में गाय के गोबर की मांग की। जिसकी कीमत 30 से ₹50 किलो रहती है।
तो चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं कि किन देशों में गाय के गोबर की डिमांड हो रही है और उन लोग इस गोबर का क्या करते हैं।
इन देशों में गाय के गोबर का निर्यात
गाय के गोबर की अपने देश भारत में भी भारी मांग है और यह बढ़ती ही जा रही है। लेकिन अब कुवैत और अरब जैसे अन्य देशों में भी गाय के गोबर भेजे जा रहे हैं। क्योंकि यहां पर इसकी मांग है यह भारत से लंबे समय से गाय का गोबर मंगा रहे हैं और इसकी कीमत भी 30 से ₹50 किलो देते हैं। हाल ही में 192 मीट्रिक टन गोबर उन्होंने भारत से लेने के लिए ऑर्डर किया है। इस तरह आप देख सकते हैं कि कैसे गाय का गोबर कमाई का एक अच्छा विकल्प बन रहा है।
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खजूर के पेड़ों में गोबर खाद
कुवैत में खजूर की खेती की जाती है। साल 2011 में 33,562 मीट्रिक टन निकला था। वहां पर खजूर की खेती से अच्छी पैदावार लेने के लिए गाय का गोबर डाला जाता है जिससे पेड़ों को अच्छा पोषण मिलता है और उत्पादन अधिक होता है। गाय के गोबर का वह पाउडर बनाकर इस्तेमाल करते है। यह जैविक खाद के रूप में काम करता है और रासायनिक खाद से सस्ता भी पड़ता है। खजूर सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसलिए जैविक खाद का इस्तेमाल करना है बेहतर होता है।
भारत में गाय के गोबर की मांग
भारत में भी आने वाले समय में गाय के गोबर की मांग तेजी से बढ़ने वाली है। अब सभी जैविक खेती की तरफ जा रहे हैं। सरकार भी जैविक खेती के लिए सब्सिडी दे रही है। किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। रासायनिक खाद का इस्तेमाल करने से मिट्टी खराब हो रही है, अनाज भी सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है, तरह-तरह की बीमारियां फैल रही है, पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है।
इसलिए आने वाले समय में गाय के गोबर, गोमूत्र, दूध, घी, दही सारी चीजों का इस्तेमाल बढ़ जाएगा। क्योंकि लोग सेहत के प्रति जागरूक हो रहे हैं। इसीलिए सरकार गौ पालन करने के लिए भी सब्सिडी दे रही है।