भूलकर भी एकादशी पर न करें तुलसी के पौधे में ये काम, नहीं तो मिल सकते है दुष्परिणाम, जाने क्या है नियम।
भूल से भी एकादशी पर न करें तुलसी में ये काम
एकादशी के व्रत का बहुत ज्यादा महत्त्व होता है इस व्रत को रखने वाले को 1 हजार अश्वमेघ यज्ञ और 1 हजार यज्ञ के समान फल प्राप्त होते है। इस व्रत को कुछ नियमों के साथ रखा जाता है। जिससे व्रत सही से पूरा होता है। एकादशी के दिन तुलसी के पौधे की पूजा तो जरूर करनी चाहिए लेकिन एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में कभी भी जल नहीं चढ़ाना चाहिए और इस दिन तुलसी के पत्ते, मंजरी भी नहीं तोडना चाहिए क्योकि एकादशी के दिन तुलसी माता निर्जला व्रत रखती है इसलिए गलती से भी किसी भी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
क्या तुलसी के पौधे में शालिग्राम रख सकते हैं
तुलसी के पौधे में शालिग्राम रखने का बहुत ज्यादा महत्व होता है शालिग्राम को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है और तुलसी को मां लक्ष्मी का प्रतीक इसलिए तुलसी के पौधे के पास शालिग्राम जरूर रखना चाहिए। तुलसी के पौधे के पास शालिग्राम रखने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और हमेशा दोनों की कृपा बनी रहती है। एकादशी के दिन तुलसी के पौधे और शालिग्राम दोनों की ही पूजा करनी चाहिए। जिससे व्रत पूर्ण माना जाता है।
क्या तुलसी और शमी के पौधे एक साथ रख सकते हैं ?
तुलसी और शमी का पौधा बहुत ज्यादा ही शुभ होता है इन दोनों पौधे की पत्तियों को भगवान पर चढ़ाया जाता है तुलसी की पत्तियों को भगवान विष्णु पर और शमी की पत्तियों को भगवान भोले नाथ पर चढ़ाया जाता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में तुलसी और शमी का पौधा एक साथ रखा जा सकता है इन दोनों पौधों का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इन दोनों पौधों को एक साथ रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संतुलन बनता है।