400 रु किलो बिकने वाले तेल की फसल किसान को मालामाल बना रही, जानिये इसकी मांग और खेती के बारें में।
400 रु किलो बिकने वाले तेल की फसल
किसान भाइयों को ऐसी फसल की तलाश होती है जिसमें उन्हें ज्यादा मुनाफा हो, लागत कम आये। जिसके लिए हम उन्हें समय-समय पर ऐसी फसलों की जानकारी देते रहते हैं। ताकि उन्हें यह पता हो किस फसल की खेती में उन्हें ज्यादा फायदा है। ऐसे ही एक किसान है उत्तर प्रदेश लखीमपुर जिले के रहने वाले हैं। उनका नाम कमलेश कुमार है। वह पहले पारंपरिक खेती करते थे, जैसे कि धान गेहूं जैसे फसलों की। लेकिन अब वह तिल की खेती करते हैं। जी हां तिल का तेल जो की सरसों के तेल से महंगा बिकता है।
जैसे कि आप देखते हैं कि सरसों का तेल ₹200 किलो जा रहा है तो तिल का तेल ₹400 यानी की दोगुनी कीमत तेल की किसानों को मिल रही है तो फिर क्यों सरसों की खेती करने जाएंगे। जब उन्हें तिल की खेती में ज्यादा फायदा हो रहा है तो कमलेश जी अब तिल की खेती करते हैं और उन्हें कई सारे फायदे हो रहे हैं तो चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं की तिल की डिमांड इतनी ज्यादा कहां-कहां है और तिल की खेती में उन्हें कैसे फायदा हो रहा है, कितने दिन की फसल है।
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तिल की डिमांड
तिल की डिमांड कारण सिर्फ उसका तेल ही नहीं और भी कई चीजे हैं जैसे की तिल सेहत के लिए फायदेमंद होता है। कई फास्ट फूड होते हैं जिनमें तिल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा तिल का लड्डू बनाया जाता है। तिल का जो शुद्ध तेल निकलता है उसकी कीमत और ज्यादा होती है। इसलिए तेल बाजार में डिमांड में रहता है और इसकी खेती में किसानों को मुनाफा है। आपको बता दे की तिल की अच्छी उपज भी किसानों को मिलती है। चलिए इसके बारे में भी आगे जानते हैं।
तिल की खेती
तिल की खेती की बात करें तो इसमें लगने वाला समय 3 साढ़े तीन महीने, लगभग 100 दिन की यह फसल होती है और इसमें किसानों को बहुत मुनाफा होता है। इसकी खेती में किसानों को चार-छः कुंटल उपज मिल जाती है और ₹400 अगर तेल की कीमत मिलती है तो यहां पर किसानों को बहुत बढ़िया मुनाफा होता है। अगर किसान तेल नहीं बेंचना चाहते तो तिल भी बेंच सकते हैं। तिल की कई वैरायटी है काला तिल, सफेद तिल आपके यहाँ जिस वैरायटी की डिमांड ज्यादा हो उसकी खेती कर सकते हैं।