देश में करीब 2278 गोदाम हैं, जिनका इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड किया जाएगा। गोदामों में जो समस्याएं आ रही हैं जैसे लीकेज आदि, तो उसके लिए भी नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
अभी कितने गोदाम हैं?
देश में अभी 2278 गोदाम हैं, लेकिन कुछ गोदामों में लीकेज की समस्या आ रही है। इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी काम करना होगा। इसीलिए खाद्य मंत्रालय गोदामों के इंफ्रास्ट्रक्चर को पहले से बेहतर बनाएगा, जिस पर केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी का कहना है कि सरकार इस पर 1280 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इस तरह अब अनाज पहले से बेहतर तरीके से रखा जा सकेगा और सुरक्षित रहेगा, जिसका फायदा किसानों के साथ-साथ ग्राहकों को भी होगा।
ग्राहक को लाभ
गोदाम बेहतर होंगे तो केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रहलाद जोशी का कहना है कि देश में अनाज का पर्याप्त भंडार है, जैसे धान और गेहूं भरपूर मात्रा में रखा जाता है, जिससे महंगाई पर काबू पाया जा सकता है, इसलिए ग्राहकों को महंगाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।
अगर गोदाम में कोई दिक्कत आती है तो अनाज सुरक्षित नहीं रखा जा सकेगा। अगर ऐसी दिक्कत आती है तो अनाज जल्दी खराब हो जाता है, ऐसी स्थिति में सरकार को भी नुकसान होता है। सरकार उचित दाम देकर फसल खरीदती है, लेकिन अगर उसे ठीक से नहीं रखा जाए और वह खराब हो जाए तो भारी नुकसान होता है, जिससे बाजार में महंगाई भी बढ़ती है। ग्राहकों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है.

लेकिन अगर गोदाम की बुनियादी स्थिति बेहतर है, लीकेज की समस्या नहीं है तो अनाज लंबे समय तक सुरक्षित रहेगा और महंगाई दर पर काबू पाया जा सकेगा।
गोदाम की स्थिति में होगा सुधार
देश में गोदाम अब पहले से बेहतर होंगे। बताया जा रहा है कि गोदाम के बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाएगा। इसके अलावा खाद्य मंत्री का कहना है कि सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाएगी। गोदाम के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने गोदामों पर सरकार 1280 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
बताया जा रहा है कि सरकारी स्वामित्व वाली एफसीआई और केंद्रीय भंडारण निगम के गोदामों को पहले से बेहतर बनाया जाएगा, जिसमें भारतीय खाद्य निगम के गोदाम के लिए 1000 करोड़ रुपये और सीडब्ल्यूसी के गोदाम के लिए 280 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस तरह आप देख सकते हैं कि देश के 2278 गोदामों को नई जिंदगी मिलेगी।