किसान ने दिए सरसों के कम बीजों से अधिक पैदावार लेने की टिप्स, जाने खेती की वह विधि जिससे हो कमाई दो-गुनी

सरसों की खेती से अधिक कमाई करना चाहते हैं तो चलिए जानते हैं किसान ने कैसे कम बीज से अधिक उत्पादन प्राप्त किया है-

सरसों की खेती

सरसों की खेती में किसानों को मुनाफा है। सरसों के डिमांड हमेशा बनी रहती है। सरसों के बीजों के साथ सरसों का तेल भी बहुत ज्यादा इस्तेमाल में आता है। लेकिन सरसों की खेती में किसान अधिक कमाई तभी कर पाएंगे जब उन्हें बढ़िया उत्पादन मिलेगा, और लागत कम आएगी। जिसमें एक किसान है जो अन्य किसानों को सरसों की खेती से अधिक उत्पादन लेने की जानकारी दे रहे हैं। किसान का नाम पवन कुमार है और वह गिरिडीह के रहने वाले हैं। सरसों की खेती में उन्हें फायदा हो रहा है।

क्योंकि लागत कम आती है, बीज का इस्तेमाल कम करना पड़ता है। लेकिन उत्पादन ज्यादा मिल रहा है, तो चलिए जानते हैं सरसों की खेती से अधिक उत्पादन लेने के लिए उन्होंने खेती का कौन सा तरीका अपनाया है।

श्री विधि

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किस विधि से करते हैं सरसों की खेती

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए किसान किस तरीके से सरसों की खेती कर रहे हैं-

  • किसी भी फसल से अच्छी उपज लेने के लिए सबसे पहले तो किसानों को बढ़िया बीज का चुनाव करना चाहिए।
  • सरसों की खेती श्री विधि से करके दो गुनी पैदावार ली जा सकती है।
  • श्री विधि से सरसो की खेती करने के लिए एक एकड़ में 50 से 250 ग्राम बीज की आवश्यकता पड़ती है।
  • इसमें सबसे पहले बीज का उपचार करें, बीजो को गुनगुने पानी में डालें और जो बीज ऊपर तैर रहे हैं उन्हें हटा दे। जितना बीज है उसकी आधी मात्रा में गोमूत्र, गुड और केंचुआ खाद मिलाकर 6 घंटे के लिए उन्हें रख दें।
  • इसके बाद बीजो को तुरंत पदार्थ से निकालना है और 2 ग्राम बाविस्टीन या कार्बेण्डाजिम दवाई में मिलाना है और सूती कपड़ा से बांधकर अंकुरित होने देना है। 12 घंटे रखना है, जैसा मौसम रहेगा उस हिसाब से रखें। अंकुरित होने देना है और फिर जब बीज अंकुरित हो जाए तो नर्सरी में दो बाई दो इंच की दूरी में आधा इंच की गहराई में बुवाई करें।
  • किसान श्री विधि से सरसों की खेती करते हैं तो उन्हें उत्पादन अधिक मिलेगा। इसके खेती के लिए रेतीली भारी मटियार मिट्टी की आवश्यकता होती है। जिसमें बलुई दोमट मिट्टी सबसे बढ़िया होती है।
  • श्रीविधि से सरसों की खेती कैसे की जाती है, अगर किसान जान ले तो उनकी खेती की लागत कम हो जाएगी, उत्पादन अधिक होगा।
  • किसान बताते हैं कि वह डेढ़ किलो बीज से 4 क्विंटल सरसों का उत्पादन ले लेते हैं और करीब 22 कट्ठा की जमीन में सरसों की खेती करते हैं।
  • सरसों की खेती करने के लिए उन्होंने नवंबर से तैयारी करना शुरू कर दिया था।
  • सरसों की खेती के लिए उनका अपना तजुर्बा है, इसके अलावा ऑनलाइन भी उन्होंने जानकारी ली है। जिसमें 75 से 90 दिन के बीच में वह सरसों की खेती से अच्छा उत्पादन ले लेते हैं।
  • सरसों की खेती वह हल्की मिट्टी में करते हैं, और ज्यादा उत्पादन लेने के लिए डीएपी के अलावा जैविक खाद का भी इस्तेमाल करते हैं।
  • सबसे पहले खेत की बढ़िया से दो बार जुताई करते हैं उसके बाद बेसल डोज में डीएपी, फास्फेट के अलावा गोबर की पुरानी खाद का भी इस्तेमाल करते हैं।
  • बुवाई से पहले खेत की नमी का ध्यान रखते हैं।
  • बुवाई के बाद समय-समय पर खरपतवार निकालते रहते हैं। जिससे फसल को पूरा पोषण मिलता है, और उसके विकास में किसी तरह का अवरोध नहीं आता है।
  • सरसों की खेती में उन्हें पानी से जुड़ी समस्याएं आती है। जिसके लिए वह सरकार से मदद की मांग भी कर रहे हैं।
  • आपको बता दे की सिंचाई से जुड़ी सरकार विभिन्न प्रकार की सब्सिडी दे रही है। जिसके बारे में कृषि विभाग में जानकारी ले सकते हैं।

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