आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए आलू की ये वैरायटी बहुत ज्यादा मुनाफे वाली साबित होती है तो चलिए इसकी खेती के बारे में अच्छे से जानते है।
सिर्फ 90 दिन में तैयार होगी आलू की ये किस्म
आज हम आपको आलू की एक सबसे बेहतरीन वैरायटी की खेती के बारे में बता रहे है आलू की ये किस्म किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती है इसकी खेती में ज्यादा दिन भी नहीं लगते है और ये कम लागत मेहनत वाली किस्म है इस किस्म के आलू की उत्पादन क्षमता अन्य किस्मों से बहुत ज़्यादा होती है। ये आलू एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और ज़्यादा ठंड के मौसम को भी सहन कर सकता है। आप इसकी खेती से बहुत शानदार कमाई कर सकते है हम बात कर रहे है कुफ़री नीलकंठ आलू की खेती की तो चलिए जानते है कुफ़री नीलकंठ आलू की खेती कैसे की जाती है।
कुफ़री नीलकंठ आलू की खेती
कुफ़री नीलकंठ आलू की खेती बहुत फायदेमंद होती है इसकी खेती के लिए जीवांश युक्त जल निकासी वाली बलूई-दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। इसकी खेती के लिए पहले खेत की अच्छी जुताई करनी चाहिए और मिट्टी मे गोबर की खाद डालनी चाहिए इसके पौधे बीज के माध्यम से लगाए जाते है इसके बीज आपको बाजार में मिल जाएंगे। इसकी खेती में जैविक खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। बुवाई के बाद कुफ़री नीलकंठ आलू की फसल करीब 90 दिनों में तैयार हो जाती है।
कितनी होगी कमाई
अगर आप कुफ़री नीलकंठ आलू की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से बहुत शानदार कमाई देखने को मिलेगी क्योकि इसकी डिमांड बाजार में दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। एक हेक्टेयर में कुफ़री नीलकंठ आलू की खेती करने से करीब 400 से 450 क्विंटल तक पैदावार मिलती है। आप इसकी खेती से 5 से 6 लाख रूपए की कमाई कर सकते है आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए कुफ़री नीलकंठ आलू की खेती बहुत लाभकारी साबित होती है।