सैकड़ों बिमारियों का एक रामबाण इलाज है ये फल, इसकी जड़ से लेकर छाल है बिमारियों का काल, जाने नाम और काम।
अनगिनत बिमारियों का एक रामबाण इलाज
इस पेड़ के फल समेत जड़ और छाल सब कुछ बीमारयों को ठीक करने में बहुत काम आते है। इस पेड़ के फलों में कई पोषक तत्वों के गुण बहुत ज्यादा मात्रा में मौजूद होते है जो सेहत के लिए बहुत लाभकारी साबित होते है। ये एक औषधीय पेड़ होता है इसका आयुर्वेद में भी बहुत ज्यादा खास महत्व माना जाता है। इससे कई आयुर्वेदिक औषधी तैयार की जाती है जो रोगों का जड़ से इलाज करती है। हम बात कर रहे है किलमोड़ा फल की इसे दारुहरिद्रा के नाम से भी जाना जाता है। किलमोड़ा का फल बहुत ज्यादा गुणकारी होता है।
किलमोड़ा के फायदे
किलमोड़ा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में बहुत फायदेमंद साबित होता है। किलमोड़ा में मौजूद एंटी-इंफ़्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते है जो इन्फ़ेक्शन से लड़ने में बहुत ज्यादा मददगार साबित होते है। इससे शुगर के लेवल को बहुत ही जल्दी कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें बुखार, त्वचा, फोड़े-फुंसी और दांत के दर्द आदि का इलाज मौजूद होता है। किलमोड़ा में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के गुण एंटी डायबिटिक, एंटी इंफ़्लेमेटरी, एंटी वायरल, एंटी बैक्टीरियल गुण, प्रोटीन, फाइबर, कॉर्बोहाइडे्रट्स जैसे कई तत्वों के गुण मौजूद होते है जो बहुत फायदेमंद होते है।
कैसे करें उपयोग
इस पेड़ की जड़, फल, तना और छाल सब बहुत ज्यादा उपयोगी और लाभकारी होते है। किलमोड़ा के तने का रस त्वचा से संबंधी समस्याओं जैसे फोड़े-फुंसी आदि के इलाज के लिए उपयोगी होता है। किलमोड़ा का काढ़ा बनाकर सेवन किया जाता है इसके फल शुगर के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी होते है इसके 2 से 4 फल खाने से शुगर कंट्रोल होती है। किलमोड़ा के तने की छाल का पेस्ट बनाकर चोट पर लगाया जाता है जिससे घाव जल्दी भरता है। इसके तने को रात को पानी में भिगोकर सुबह पीने से दांत के रोगों और दर्द से छुटकारा मिलता है