गुड़हल के पौधे का विकास नहीं हो रहा है और फूल भी नहीं आ रहे हैं तो चलिए आपको सस्ती सरल खाद की जानकारी देते हैं, जो घर में उपलब्ध है-
गुड़हल की देखभाल
गुड़हल के पौधे से अच्छे ज्यादा मात्रा में फूल लेने के लिए थोड़ी बहुत देखभाल की जरूरत होती है। गुड़हल का फूल बहुत ही ज्यादा सुंदर होता है, और इसे लगाना आसान है। कटिंग के द्वारा बड़े आसानी से यह तैयार हो जाता है। गुड़हल में बहुत मात्रा में फूल आते हैं। साल भर इसमें फूल बनते ही रहते हैं। बस कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि इसे 8 घंटे की धूप की जरूरत होती है। गमले में लगा रहे हैं तो जल निकासी का ध्यान रखें और मिट्टी को उपजाऊ बनाए।
मिट्टी में नमी को बनाए रखें। पौधे को घना करने के लिए समय-समय पर प्रूनिंग करें। जो पत्तियां सूखी हैं उन्हें हटा दे, सूखे फूल हटा दे। पौधे की वह डाल जो सूख रही है उसे काट दे, कटाई-छटाई करें। अगर किसी तरह के कीट है तो उनका समय पर समाधान करें। साल में एक बार रिपोर्टिंग करें। मार्च के अंत में अप्रैल में गमले की मिट्टी बदल सकते हैं।

गुड़हल के लिए रसोई में रखी यह खाद
गुड़हल के पौधे का विकास रुक गया है या नई कलियाँ नहीं बन रही है तो ‘आलू’ पौधे को पोषण दे सकता है। जी हां मिट्टी उपजाऊ ना होने के कारण से भी पौधे का विकास रुक सकता है। जिसके लिए अगर 12 इंच के गमले में गुड़हल का पौधा लगा है तो एक आलू लीजिए और उसे मिक्सर में पीस लीजिए या कद्दूकस कर लीजिए और आधा लीटर पानी में डालकर 2 दिन के लिए ढक कर छांव में रखिए। फिर इस मिश्रण को छानकर गमले की मिट्टी के हल्की निराई-गुड़ाई करके डाल दीजिए। इससे पौधे को पोषण मिलेगा।
क्योंकि आलू के छिलके में मैग्नीशियम, ऑक्सलेट और फाइबर जैसे पोषक तत्व होते हैं। आलू की खाद मिट्टी को उपजाऊ बनाएगी, पौधे के विकास पर काम करेगी और फूल भी ज्यादा आएंगे।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।
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