कमाल का यह सुपरफूड है कमाई में सबका बाप, एक बार में कर देती है मालामाल

कमाल का यह सुपरफूड है कमाई में सबका बाप, एक बार में कर देती है मालामाल। चिया सीड्स की खेती एक लाभदायक और कम मेहनत वाली खेती मानी जाती है। चिया एक प्रकार का सुपरफूड है, जिसका उपयोग स्वास्थ्यवर्धक आहार के रूप में किया जाता है। इसकी खेती मुख्य रूप से गर्म और शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में होती है। आइए इसकी खेती के बारे में हम आपको विस्तार से बताते है।

चिया सीड्स की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी

चिया की खेती के लिए 20-30 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त होता है। इसे हल्की रेतीली, दोमट और जल निकासी वाली मिट्टी में उगाया जा सकता है। pH मान 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। भारत में चिया की बुआई जून से जुलाई और अक्टूबर-नवंबर में की जाती है।

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चिया सीड्स की खेती कैसे करे

बीजों को सीधा खेत में छिड़काव करके या कतारों में बोया जाता है। बीजों की गहराई 1 से 1.5 सेमी होनी चाहिए और कतारों के बीच 40-50 सेमी की दूरी रखनी चाहिए। चिया को अधिक पानी की जरूरत नहीं होती। पहली सिंचाई बुआई के बाद और फिर जरूरत के अनुसार दी जाती है।

जैविक खाद या नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश युक्त उर्वरक का उपयोग फसल की बढ़वार में सहायक होता है। चिया के पौधे 90-120 दिन में पककर तैयार हो जाते हैं। जब पौधों के फूल और बीज पकने लगें और हल्के भूरे रंग के हो जाएं, तब फसल काटी जाती है। एक एकड़ में औसतन 4-6 क्विंटल उत्पादन हो सकता है।

चिया सीड्स से कमाई

चिया सीड्स की मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी से बढ़ रही है। भारत में 1 किलो चिया सीड्स की कीमत 200-500 रुपये तक हो सकती है। जैविक चिया की कीमत और भी ज्यादा मिलती है।

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