मटर के किसानों के लिए बड़ी खबर, सुंडी कीट से घट सकती है पैदावार, जानिये इसे खत्म करने का आसान उपाय

मटर की फसल में इस समय सुंडी कीट का प्रभाव देखा जा रहा है। जिसमें आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के किसान इस कीट परेशान है तो चलिए आपको कृषि विशेषज्ञ के अनुसार बताते हैं कि इसका उपाय क्या है।

मटर में सुंडी कीट

मटर की खेती करके किसान अच्छी कमाई कर लेते हैं। मटर सूखे रूप में बेंच देते हैं। इसके अलावा सूखे मटर की भी दलहन रूप में बिक्री करते हैं। किसानों को दोनों रूप में इससे फायदा होता है। मटर की खेती हमारे देश में कई किसान करते हैं। लेकिन आपको बता दे की इस समय उत्तर प्रदेश के किसानों को मटर में सुंडी कीट नजर आ रहा है और यह सुंडी कीट है, दाने खराब करता हैं। जिससे हरा मटर अगर किसान बिक्री करते हैं तो अच्छी कीमत नहीं मिलती बाद में उत्पादन में भी गिरावट देखने को मिलती है।

कुल मिलाकर मटर की फसल को सुंडी कीट बर्बाद कर देते हैं। यह कीट पहले पत्तियों में नजर आते हैं। धीरे-धीरे फली को भी अपने कब्जे में ले लेते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कृषि विशेषज्ञ से कौन से दो-तीन उपाय बता रहे हैं जिससे सुंडी कीट से छुटकारा पाया जा सकता है।

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सुंडी कीट के बचाव

नीचे लिखे तीन बिंदुओं के आधार पर सुंडी कीट से अपनी फसल को बचाने के उपाय जाने-

  • किसान अगर चाहते हैं कि उनके खेत में सुंडी कीट आए ही ना। इसकी समस्या शुरू ही ना हो। तो इसके लिए बुवाई के 15 20 दिन बाद ही खेत में फेरोमेन ट्रैप लगा दे। जिससे सुंडी कीट की संख्या बढ़ेगी नहीं। इनकी लाइफ साइकिल में रोक लग जाएगा। इसके अलावा इस जैसे अन्य कीट से निपटने के लिए नीम के तेल का छिड़काव कर सकते हैं। जिसके लिए नीम के तेल को 1 लीटर पानी में, 1 शैंपू के साथ मिलाकर छिड़कना होता है। इससे अन्य कीट में फसल को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
  • मटर के किसान इस तरह के फ़लीभेदक से छुटकारा चाहते है तो सबसे आसान उपाय एक एकड़ के खेत के अनुसार 2 ट्राइकोग्रामा कार्ड लगाएं। इससे वह समाप्त होंगे।
  • वहीं कई तरह की दवाइयां भी आती है जिनका इस्तेमाल करके सुंडी कीट से किसान अपनी फसल को बचा सकते हैं जैसे कि रासायनिक कीटनाशक। रासायनिक कीटनाशक के इस्तेमाल करने के बाद किसी अन्य उपाय को करने की जरूरत नहीं होती है। जिसके लिए ये कीटनाशक एनपीवी (एच) 2% एएस, बैसिलस थुरिनजीएसीन्स की कस्टकी प्रजाति 1 किलो और एजाडीरेक्टिन 0.03% WSP 2.50 से 3 किलो है। इनमें से जो मिल जाए वो इस्तेमाल कर सकते है। इन्हे करीब 600 लीटर पानी में अच्छे से मिलाकर फसल में छिड़का जाता है। इससे कीट जैसे कि सुंडी कीट खत्म हो जाते हैं। तब एक हेक्टेयर में अगर किसान खेती कर रहे हैं तो उसके लिए यह मात्रा बिल्कुल सही है। लेकिन अगर इस तरह के कीट खेतों में दिख रहे है तो ही इस दवाई का इस्तेमाल करें।

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