किसान अगर चाहे तो खाद खरीदना छोड़कर खाद बेचना शुरू कर सकते ,हैं उन्हें राज्य सरकार की तरफ से बढ़िया मौका दिया जा रहा है-
वर्मी कंपोस्ट खाद के फायदे
वर्मी कंपोस्ट एक जैविक खाद है। इसके फायदे अनगिनत है। रासायनिक खाद के मुकाबले 100 गुना ज्यादा यह खाद बेहतर है। इससे अच्छा उत्पादन भी किसानों को मिल जाएगा। मिट्टी उपजाऊ होगी और सबसे बड़ी बात जो अनाज खेत से पैदा होगा वह सेहत के लिए फायदेमंद होगा। उससे किसी तरह की बीमारी नहीं फैलेगी। इसीलिए सरकार चाहती है कि किसान वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाए, खुद खाद तैयार करके उसका इस्तेमाल करें, और इसे बेचकर कमाई भी कर सकते हैं।

वर्मी कंपोस्ट यूनिट के लिए सब्सिडी
वर्मीकंपोस्ट यूनिट लगाने के लिए बिहार में सब्सिडी जा रही है। जिसमें प्रति यूनिट 50% अनुदान मिलेगा। वर्मी कंपोस्ट खाद को केंचुआ खाद भी कहा जाता है। यह सब्सिडी उन्हें मिलेगी, जिनके पास दो से तीन मवेशी है। क्योंकि वर्मी कंपोस्ट का गोबर से बनाई जाती है। साल 2024-25 में 41 यूनिट की स्थापना हो चुकी है। किसानों से आवेदन मांगे गए हैं। जिसमें उन्हें 0.3 इकाई पर प्रति इकाई 5000 से लेकर ₹15000 तक अनुदान दिया जाएगा। जिससे आधे खर्चे में वह वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगा सकते हैं।
आवेदन कहां करें
वर्मीकंपोस्ट यूनिट लगाने के किसान को बहुत फायदे हैं। आपको बता दे की बागवानी, खेती करने वाले लोग आजकल ऑनलाइन भी वर्मी कंपोस्ट खाद मंगा रहे हैं। अच्छी कीमत पर बिक रही है। इसलिए इस व्यवसाय में किसानों को मुनाफा है। खाद का खर्चा भी खत्म हो जाएगा। लाभ लेने के लिए रजिस्टर किसान डीबीटी पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सरकार द्वारा इसका पोर्टल जल्द ही शुरू किया जाएगा।
वर्मी कंपोस्ट खाद आपको बता दे की नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश से भरपूर होती है। जिससे किसानों को अच्छा उत्पादन मिलता है। वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने के लिए सरकार ने कुछ नियम भी बताया है। जिसमें बताया गया है कि बेड 10 फीट लंबा होना चाहिए, 3 फीट चौड़ा और उसकी गहराई 2.5 फीट होनी चाहिए। इस बेड के धारण करने की क्षमता 75 घनफीट बनाई गई है। दीवार लगभग 5 इंच मोटी बनाना है। इस तरह पक्की वर्मी कंपोस्ट इकाई बनाकर बेहतरीन खाद तैयार कर सकते हैं।